ट्रेंडिंग
सुमित तिवारी | Oct 15, 2025, 09:15 PM IST
1.हानिकारक रसायन

पटाखों में सल्फर, ऑक्सीडाइजर, स्टेबलाइजर, रिड्यूसिंग एजेंट और कई तरह के रंग मिलाए जाते हैं. इनमें एंटीमोनी सल्फाइड, बेरियम नाइट्रेट, लिथियम, तांबा, एल्यूमिनियम और स्ट्रांशियम जैसे रसायन शामिल होते हैं.
2.जहरीले गैसें

इसलिए पटाखें जलने पर जहरीले गैसें छोड़ते हैं. इस कारण हवा की गुणवत्ता भी खराब होती है. ग्रीन पटाखों को पर्यावरण के लिए सुरक्षित और इको-फ्रेंडली माना जाता है.
3.पटाखों के निर्माण

इन पटाखों के निर्माण में वे हानिकारक रसायन शामिल नहीं किए जाते जो सामान्य पटाखों में होते हैं. ग्रीन पटाखों में एल्युमिनियम, बैरियम, पोटेशियम नाइट्रेट और कार्बन की कम हानिकारक तत्वों का उपयोग किया जाता हैं.
4.ग्रीन पटाखे

ग्रीन पटाखे आकार में छोटे और आवाज में हल्के होते हैं, इसलिए ये ध्वनि प्रदूषण भी नहीं फैलाते. हालांकि, ये सामान्य पटाखों की तुलना में थोड़े महंगे जरूर होते हैं.
5.अच्छे और जिम्मेदार विकल्प

ग्रीन पटाखें पर्यावरण की दृष्टि से काफी अच्छे और जिम्मेदार विकल्प माने जाते है. इनकी आवाज तेज नहीं होती इसलिए इनको दागने से बीमार लोगों को भी किसी भी तरह का खतरा नहीं होता.