यदि आप हॉलीवुड (Hollywood) की साइंस फिल्में देखने के शौकीन हैं तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) शब्द का इस्तेमाल आपने बहुत बार सुना होगा. आम जिंदगी की जरूरतों में भी अब इस तकनीक के इस्तेमाल की चर्चा खूब होने लगी है. निजी सेक्टर तो इस तकनीक का इस्तेमाल कर ही रहा है, लेकिन भारतीय सेना भी सीमा की निगरानी से लेकर घुसपैठियों पर हमला करने तक AI तकनीक से दुश्मनों के जमकर छक्के छुड़ा रही है.
क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक
सरलतम शब्दों में कहें तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक मशीन के अंदर सामान्य आदमी की तरह सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता पैदा करने वाली तकनीक है. इस तकनीक में कंप्यूटर का दिमाग (मेमोरी ड्राइव) इंसानों की तरह ही चीजों को सीखकर उनका उपयोग करता है. इस तकनीक की मदद से ही ऐसे रोबोट बनाए जाने की योजना है, जो ठीक इंसानों की तरह व्यवहार करेंगे, सोचेंगे-समझेंगे और काम करेंगे. ठीक उसी तरह जैसे आपने बॉलीवुड (Bollywood) फिल्म 'रोबोट' में रोबोमानव को काम करते देखा होगा.
भारतीय सेना के ऐसे काम आ रही ये तकनीक
भारतीय सेना के लिए डीआरडीओ (DRDO) और भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL) लगातार ऐसे हथियार और बना रही है, जो AI तकनीक के जरिये उसके काम को आसान बना रहे हैं. इनमें भीड़ में भी स्कैन करने के बाद चेहरा पहचानने वाले उपकरण हों या ड्रोन में लगने वाले कैमरे, बहुत सारे उपयोगी उपकरण शामिल हैं.
रक्षा मंत्री कह चुके- किसी एक देश की बपौती नहीं AI
हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया था. उन्होंने स्पष्ट संकेत दिए थे कि भारत इस तकनीक के मामले में लगातार विकास करेगा. उन्हेंने साफ़ कहा था कि इस तकनीक पर परमाणु शक्ति की तरह दुनिया के किसी बड़े देश या समूह का आधिपत्य नहीं होगा.