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Google को भारत में बहुत बड़ा झटका, पब्लिक पॉलिसी हेड ने 5 महीने में ही दिया इस्तीफा

अर्चना गुलाटी गूगल के साथ जुड़ने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फेडरल थिंक टैंक नीति आयोग में जॉइंट सेक्रेट्री पद पर रही थीं.

Google को भारत में बहुत बड़ा झटका, पब्लिक पॉलिसी हेड ने 5 महीने में ही दिया इस्तीफा
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डीएनए हिंदी: भारत में कानूनी प्रक्रिया का सामना कर रहे गूगल (Google) को एक और करारा झटका लगा है. अमेरिकी टेक जायंट गूगल की इंडिया पब्लिक पॉलिसी हेड अर्चना गुलाटी (Archna Gulati) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. Reuters ने गूगल से जुड़े दो सूत्रों के हवाले से यह दावा किया है. अर्चना गुलाटी ने महज पांच महीने पहले ही इस पद पर जॉइन किया था. हालांकि उनके इस्तीफा देने का कारण सूत्रों ने स्पष्ट नहीं किया है. गुलाटी इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के फेडरल थिंक टैंक नीति आयोग से जुड़ी हुई थीं.

गुलाटी ने अपने इस्तीफे की खबरों पर कोई भी कमेंट करने से इंकार कर दिया है, जबकि गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट इंक (Alphabet Inc) के प्रवक्ता ने भी इस पर बयान देने से मना कर दिया है. 

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परेशानी बढ़ रही है गूगल के लिए

गूगल के लिए गुलाटी के इस्तीफे को बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है, जो अपने खिलाफ भारत में चल रहे दो एंटीट्रस्ट मामलों (antitrust case) के फैसले का इंतजार कर रही है. भारत गूगल के लिए सबसे अहम ग्रोथ मार्केट्स में से एक है, लेकिन उसे हालिया दिनों में भारत में कई एंटीट्रस्ट मामलों के साथ ही टेक सेक्टर से जुड़े सख्त रेगुलेशंस का सामना करना पड़ा है. कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने गूगल के स्मार्ट टीवी मार्केट में काम करने के तरीके की छानबीन शुरू कर रखी है. साथ ही CCI गूगल के एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ ही इन-ऐप पेमेंट सिस्टम की भी जांच कर रहा है. इन जांच से जुड़े लोगों का कहना है कि CCI कम से कम दो एंटीट्रस्ट मामलों में जल्द ही अपना निर्णय सुना सकता है. 

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गुलाटी का काम था रेगुलेटरी परेशानियां संभालना

गूगल में अर्चना गुलाटी पब्लिक पॉलिसी एक्जीक्यूटिव्स की एक टीम को लीड कर रही थीं, जो भारत में कंपनी की रेगुलेटरी नियमों से जुड़ी परेशानियां संभालती थीं. वह लंबे समय तक भारत सरकार की कर्मचारी रही थीं. अर्चना मार्च 2021 तक प्रधानमंत्री मोदी के फेडरल थिंक टैंक नीति आयोग (Niti Aayog) में जॉइंट सेक्रेट्री (डिजिटल कम्युनिकेशंस) पद पर तैनात रही थीं.

नीति आयोग मोदी सरकार की सभी सेक्टर्स के लिए पॉलिसी बनाने में अहम भूमिका निभाता है. गुलाटी के लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, इससे पहले 2014 से 2016 के बीच वे CCI में वरिष्ठ अधिकारी के तौर पर तैनात थीं. वहां वे मर्जर एंड एक्विजिशन डिविजन में काम संभालती थीं.

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गूगल ने मोदी सरकार के दौर में सख्त डाटा व प्राइवेसी नियमों के साथ ही कॉम्पिटीशन कानून के तहत स्क्रूटनी का सामना करने के बाद बहुत सारे सरकारी अधिकारियों को अपने यहां नौकरी दी थी. गुलाटी भी इन्हीं में से एक है.

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