धर्म
एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति के सभी दुख दूर हो जाते हैं. पाप और कष्टों से मुक्ति मिल जाती है. एकादशी का व्रत 24 घंटे बाद द्वादशी तिथि पर खोला जाता है.
Utpanna Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में सभी तिथियों में एकादशी तिथि को श्रेष्ठ माना जाता है. एकादशी को भगवान शिव का दिन माना जाता है. इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति के सभी दुख दूर हो जाते हैं. पाप और कष्टों से मुक्ति मिल जाती है. एकादशी का व्रत 24 घंटे बाद द्वादशी तिथि पर खोला जाता है. इस बार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष में उत्पन्न एकादशी व्रत रखा जाएगा. यह व्रत 26 नवंबर 2024 को मंगलवार के दिन पड़ रहा है. एकादशी के दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के साथ मां तुलसी की पूजा अर्चना करना भी बेहद शुभ होता है. इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है. जीवन में परेशानियों से छुटकारा मिलता है. आइए जानते हैं एकादशी व्रत की पूजा विधि और महत्व...
उत्पन्ना एकादशी पर तुलसी पूजा
उत्पन्ना एकादशी पर मां तुलसी की भी विशेष पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करना बेहद शुभ होता है. इस दिन 5 दीपक मां तुलसी के सामने जला दें. उनकी 7 बार परिक्रमा करनी चाहिए. इसके साथ ही तुलसी के 108 नामों का जाप करें. इससे श्रीहरि प्रसन्न होते हैं. व्यक्ति को धन संपत्ति देते हैं.
उत्पन्ना एकादशी पर करें ये काम
उत्पन्ना एकादशी पर भगवान विष्णु के साथ ही तुलसी की पूजा अर्चना करें. मां तुलसी को चंदन, जल और फूल अर्पित करें. इसके बाद तुलसी की पूजा के साथ भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें. साथ ही भूलकर भी तुलसी के पत्तों का सेवन न करें. इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है. जीवन में सखु समृद्धि का वास होता है. हर काम अपने आप बन जाते हैं.
पीपल के पेड़ की पूजा भी होती है शुभ
उत्पन्ना एकादशी पर पीपल के पेड़ की पूजा अर्चना करना भी बेहद शुभ होता है. पीपल के पेड़ में त्रिदेवों का वास होता है. ऐसे में उत्पन्ना एकादशी पर पीपल के पेड़ की पूजा करने से व्यक्ति को विशेष फलों की प्राप्ति होती है. भक्तों से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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