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Ganesh Worship: क्यों कोई काम शुरू करने से पहले कहते हैं 'श्री गणेश', क्यों गणेश है रिद्धि-सिद्धि दाता

Shree Ganesh करके ही होती है हर अच्छे काम की शुरुआत, जानिए आखिर क्यों गणेश की स्थापना से ही कोई भी फेस्टिवल, पूजा शुरू होती है. क्यों उन्हें विघ्नविनाशक कहते हैं, रिद्धि सिद्धि दाता कहते हैं. उनके पीछे क्या राज है क्या आध्यात्मिक रहस्य है

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Ganesh Worship: क्यों कोई काम शुरू करने से पहले कहते हैं 'श्री गणेश', क्यों गणेश है रिद्धि-सिद्धि दाता
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डीएनए हिंदी: Shree Ganesh Spiritual Significance- गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2022) दरवाजे पर है, इस साल 31 अगस्त गणपति जी की स्थापना हो रही है. आप सब जानते हैं कि हर काम से पहले हम Ganesh की पूजा करते हैं, उन्हें विघ्न विनाशक, रिद्धि सिद्धि दाता कहते हैं, क्या कभी आपने सोचा है ऐसा क्यों कहते हैं. किसी भी त्योहार, पूजा,शादी या फिर शुभ मुहूर्त की शुरुआत विघ्न विनाशक (Riddhi Siddhi Daata Ganesh) की स्थापना से ही की जाती है. आईए इसके पीछे का राज जानते हैं आखिर उनसे ही क्यों हर काम का श्री गणेश होता है 

कोई भी काम शुरू करने से पहले हम कहते हैं चलो श्री गणेश करते हैं क्योंकि गणेश जी को ही दुख हर्ता-सुख कर्ता कहा जाता है, वे सभी के दुख हर लेते हैं, हमें उन जैसा बनना है, सिर्फ उनकी महिमा नहीं करनी है बल्कि उनकी विशेषताएं और शक्तियों को अपने जीवन में धारण करना है. 

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क्यों श्री गणेश से होती है हर काम की शुरुआत (Shree Ganesh is Auspicious) 

भगवान गणेश को समृद्धि, बुद्धि और अच्‍छे भाग्‍य का देवता माना जाता है और उनकी कृपा से हम सभी के जीवन में शुभ लाभ और समृद्धि की प्राप्ति होती है. गणेश को रिद्धि सिद्धि दाता और सर्वशक्तिमान कहते हैं क्योंकि इनकी उपस्थिति में सारे काम सिद्ध होते हैं. परंपराओं के अनुसार हर धार्मिक उत्‍सव और समारोह की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा से ही शुरू होती है. हर घर में गणेश का वास है, यह सभी के दुख हर लेते हैं. गणेश भगवान का रूप,मनुष्‍य और जानवर के अंग से मिलकर बना हुआ है जो गहरे आध्‍यात्मिक महत्‍व को दर्शाता है

गणेश को सभी अच्‍छे गुणों और सफलताओं का देवता माना जाता है इसलिए लोग हर अच्‍छे काम को करने से पहले गणेशजी की पूजा करना शुभ मानते हैं. भगवान गणेश के जन्‍मदिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है. हिंदू धर्म के लोग,आध्‍यात्मिक शक्ति के लिए, कार्य सिद्धि के लिए और लाभ प्राप्ति के लिए भगवान गणेश का पूजन धूमधाम से करते हैं. भगवान गणेश को सभी दुखों का हर्ता, संकट दूर करने वाला, सदबुद्धि देने वाला माना जाता है

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गणेश के अंगों का आध्यात्मिक रहस्य (Ganesh Body Parts Spiritual significance in Hindi)

गणेश का हर अंग एक आध्यात्मिक रहस्य बताता है. उनका मस्तिष्क विशाल बुद्धि और ज्ञान से भरपूर हैं, आंखें दूरादेशी बताती है,, मुंह छोटा मतलब कम बोलना, कान बड़े मतलब ज्यादा सुनना और अच्छी बातों को ग्रहण करें. ऐसा माना जाता है कि उनके नाम से पूजा शुरू करने से कोई भी बाधा नहीं आती और हर काम सफल हो जाता है.

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गणेशजी की पत्नियां (Ganesh Ji Wives)

भगवान गणेशजी की एक पत्‍नी सिद्धि हैं. सिद्धि, आध्यात्मिक शक्ति को दर्शाती हैं. इसलिए भगवान गणेश की पूजा, आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि प्राप्‍त करने का सबसे अच्‍छा तरीका मानी जाती है. पारंपरिक रूप से, भगवान गणेश की सूंड सीधी तरफ घुमी हुई है इसी कारण उन्‍हें सिद्धि विनायक भी कहा जाता है. गणेश जी की एक पत्‍नी का नाम बुद्धि है. इसलिए, भगवान गणेश को बुद्धि और ज्ञान का प्रदाता माना जाता है. हाथी के मस्तिष्‍क को बुद्धि के प्रतीक के रूप में जाना जाता है.

भगवान गणेश, ऊपरी बांए हाथ में एक कुल्‍हाड़ी धारण करते हैं जो उनके न्‍याय के रूप में और मोह माया से मुक्‍त होना दर्शाती है और उनके ऊपरी दाएं हाथ में कमल है जो उनके अंदर हर भावना को दर्शाता है. 

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