Shani Dev Puja: न्याय के देवता शनिदेव की पूजा में भूलकर भी न करें इन चीजों का इस्तेमाल, भुगतने पड़ेंगे गंभीर परिणाम

नितिन शर्मा | Updated:Apr 26, 2024, 02:53 PM IST

नौ ग्रहों में शनिदेव (Shani dev Puja) को न्याय का देवता कहा जाता है. वह कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं. शनि की पूजा अर्चना में भी विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है.  

Shani dev Puja Niyam: शनिवार का दिन न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित होता है. शनिदेव हर व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं. यही वजह है कि शनिदेव को कर्मफल दाता कहा जाता है. शनिदेव व्यक्ति के अच्छे कर्मों पर उसे रंक से राजा बना देते हैं. ऐसे व्यक्ति के जीवन में यश, धन, पद और सम्मान की कमी नहीं होती. वहीं पापी और लोभी लोगों को जीवन में दुख और कष्ट प्राप्त होता है. ऐसे में व्यक्तियों को शनि की साढ़े साती और ढैय्या का सामना करना पड़ता है. 

अगर आप भी शनि की प्रकोकप से जूझ रहे हैं और पूजा अर्चना करते हैं. कुछ बातों को ध्यान रखना बेहद जरूरी है. शनि की पूजा अर्चना में भूलकर भी ये गलतियां न करें. अन्यथा शनिदेव की कू दृष्टि का शिकार हो सकते हैं. आइए जानते हैं कि शनिदेव की पूजा में कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए...

शनि देव की पूजा में न करें इन चीजों का इस्तेमाल

ज्योतिष के अनुसार, शनिदेव की पूजा अर्चना और जल देने के लिए तांबे के बर्तन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से कुंडली में शनि और सूर्य दोनों की स्थिति कमजोर होती है. शनि देव की पूजा में लोहे या स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल करना शुभ होता है. साथ ही शनिवार के दिन भूलकर भी लाल रंग कपड़े न पहनें. भगव

चमड़े से बनी वस्तु का न करें इस्तेमाल

शनिदेव की पूजा अर्चना के दौरान गलती से भी चमड़े से बनी वस्तु का इस्तेमाल न करें. पूजा के दौरान इन चीजों को धारण भी न करें. इसे अशुभ माना जाता है. न्याय के देवता नाराज हो जाते हैं. 

-हिंदू धर्म में सभी पूजा पश्चिम दिशा की ओर मुख करके करना शुभ होता है, लेकिन शनिदेव की पूजा पश्चिम दिशा की तरफ मुख करके करनी चाहिए. इसकी वजह शनि देव को पश्चिम दिशा का स्वामी माना जाना है. इसलिए इनकी पूजा भी इसी दिशा की तरफ मुख करके की जाती है. 

-शनिदेव की पूजा में सुखे या खराब फूल, टूटा दीपक जैसी चीजें इस्तेमाल में न लें. साथ ही पूजा के समय में किसी के प्रति नाराजगी या क्रोध न रखें. इससे व्यक्ति को शनिदेव की कू दृष्टि झेलनी पड़ सकती है. 

-शनिदेव की पूजा के समय उनकी प्रतिमा के ठीक सामने न खड़े न हो. साथ ही उनकी आंखों में न देखें. ऐसा करने से अनिष्ट होगा. 

-शनिदेव की पूजा करने से पूर्व स्नान करें. स्वच्छ वस्त्र धारण करें. शनिदेव की प्रतिमा को गंगाजल चढ़ाये. तिल, तेल और दीपक,धूप और नैवेद्य अर्पित करें.  

-शनि चालीस के साथ ही शनि स्तोत्र का मंत्र जाप करें. इस दिन दान पुण्य जरूर करना चाहिए. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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