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Mahashivratri Puja Time: महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा का सटीक समय, प्रदोष काल और षोडशोपचार की सही विधि जान लें

महाशिवरात्रि के दिन प्रदोष काल में और रात्रि के चारों प्रहर में भगवान शिव की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है. इसके अलावा महादेव की पूजा का एक विधान है, जिससे भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

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Mahashivratri Puja Time: महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा का सटीक समय, प्रदोष काल और षोडशोपचार की सही विधि जान लें

महाशिवरात्रि पर पूजा का सही समय क्या है

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महाशिवरात्रि का दिन शिव भक्तों के लिए सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है. इस दिन देश भर के शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. ऐसा माना जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. शिवरात्रि के दिन प्रदोष काल में तथा रात्रि के चारों प्रहर में भगवान शिव की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है. आइए देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानें महाशिवरात्रि के दिन कैसे करें भगवान शिव की पूजा.

महाशिवरात्रि पूजा समय के बारे में मुख्य बातें:

  1. चार प्रहर: रात्रि को चार प्रहरों में विभाजित किया गया है, जिनमें से प्रत्येक में पूजा के लिए एक विशिष्ट शुभ समय होता है.
  2. प्रथम प्रहर: आमतौर पर शाम को, सूर्यास्त के आसपास शुरू होता है.
  3. दूसरा प्रहर: देर रात से लेकर आधी रात तक.
  4. तीसरा प्रहर: मध्य रात्रि के बाद.
  5. चौथा प्रहर: सूर्योदय से पहले का समय. 

षोडशोपचार विधि से प्रसन्न होंगे महादेव

महाशिवरात्रि हर साल कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है. इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी को मनाया जाएगा. इस दिन व्रत रखना चाहिए और भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ को जल और उनके प्रिय फूल और प्रसाद चढ़ाने से भगवान प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इस दिन रात्रि जागरण की भी परंपरा है. रात्रि के चारों प्रहर में भगवान शिव की पूजा करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.
 
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की षोडशोपचार विधि से पूजा करनी चाहिए. इस विधि में देवी-देवताओं को 16 वस्तुएं अर्पित की जाती हैं. सबसे पहले स्नान करें, व्रत रखें और भगवान शिव का आह्वान करें. फिर भगवान शिव को आसन दें, उनके चरणों को गंगाजल से धोएं और उनके सिर पर जल डालें. इसके बाद भगवान शिव का जलाभिषेक करें. फिर दूध, दही, घी, शहद और चीनी चढ़ाएं. फिर भगवान शिव को वस्त्र, चंदन, साबुत चावल, फूल, बेलपत्र और प्रसाद चढ़ाएं."

धतूरा और मदार के फूल जरूर चढ़ाएं

षोडशोपचार विधि से पूजन करने के बाद भगवान शिव को धतूरा और मदार के फूल अर्पित करने चाहिए. भगवान शिव को बिलिपत्र बहुत प्रिय है, इसलिए महाशिवरात्रि के दिन राम नाम लिखा बिलिपत्र चढ़ाएं. कम से कम 108 बेलपत्र चढ़ाएं. इस प्रकार पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)

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