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Independence Day 2022: जिन्ना की पत्नी के ज्योतिष ने तय किया था 15 अगस्त का मुहूर्त, ​​​​​​​पाकिस्तान ने की थी यह भूल 

Happy Independence Day 2022 : क्‍या आपको आजादी के शुभ मुहूर्त की कहानी पता है? 15 अगस्त का दिन कुंडली देख कर तय किया गया था. यही नहीं, आधी रात को संसद धुलवाया गया था. आजादी की कहानी के चलिए कुछ और रोचक पहलुओं के बारे में जानें.

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Independence Day 2022: जिन्ना की पत्नी के ज्योतिष ने तय किया था 15 अगस्त का मुहूर्त, ​​​​​​​पाकिस्तान ने की थी यह भूल 

पहली बार 15 अगस्त को आधी रात में फहराया गया तिरंगा

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डीएनए हिंदी: साल 1946 की है जब देश आजादी के अंतिम दौर में था. अंग्रेज भारत से रुखसत हो रहे हैं यह सब कुछ तय हो चुका था. पं. जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री पहले प्रधानमंत्री और डॉ. राजेंद्र प्रसाद  पहले राष्ट्रपति भी चुने जा चुके थे. लगभग सबकुछ निश्चित हो चुका था, अगस्त 1947 में आखिरी वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन भी ब्रिटेन लौट रहे थे अैर बंटवारे की आग भी फैली हुई थी. 

किस दिन आजाद भारत में झंडा फहराया जाए इसके लिए  उज्जैन के क्रांतिकारी, लेखक और ज्योतिषाचार्य पं. सूर्यनारायण व्यास को डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने दिल्ली बुलवाया था. पं. सूर्यनारायण व्‍यास के सामने सबसे पहले यही प्रश्‍न रखा गया था कि ज्योतिषीय गणना के मुताबिक किस दिन भारत को पहला स्वतंत्रता दिवस मनाना चाहिए? 

बता दें कि अंग्रेजों से तब दो तारीखें इसके लिए तय की थीं. वह थी 14 और 15 अगस्त और इन दोनों में किसी एक को चुनना था. उधर जिन्ना के नेतृत्व में पाकिस्तान के गठन के लिए भी दिन चुनना था. जिन्‍ना क्‍योंकि मुहूर्त को नहीं मानते थे इसलिए उनके लिए ये बैठक बहुत मायने नहीं रखती थी और उन्‍होंने 14 अगस्त का दिन पाकिस्तान के लिए चुन लिया था. जबकि पं. व्यास ने उन्हें चेताया था कि 14 अगस्त के दिन ग्रह स्थितियां ठीक नहीं हैं. अगर 14 अगस्त को पाकिस्तान बना तो संभव है वो हमेशा अस्थिर रहेगा लेकिन जिन्ना नहीं माने।

14-15 की रात 12 बजे का समय तय किया गया
पं. सूर्यनारायण व्यास की सलाह पर ही डॉ. राजेंद्र प्रसाद और प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 14-15 अगस्त की रात 12 बजे का समय भारत की आजादी के लिए तय किया था. उस दिन भारत की कुंडली में स्थिर वृषभ राशि का लग्न था और ये लग्न स्थिर माना जाता है. पं. व्यास का तर्क था, स्थिर लग्न में देश आजाद हुआ तो आजादी और लोकतंत्र दोनों स्थिर रहेंगे. 

15 अगस्त को रात में फहराया गया तिरंगा
भले ही स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा सुबह फहराया जाता है लेकिन देश में पहली बार तिरंगा 15 अगस्त 1947 की रात 12 बजे फहराया गया था. पं. जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले पर जा कर इसे फहराया था। डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने उस वक्‍त कहा था कि भले वह आधी रात को आजादी का समय ले रहे हैं, तो इसी समय में ध्वजारोहण किया होगा लेकिन स्वतंत्रता के औपचारिक कार्यक्रम सुबह किए जाएंगे. 

आधी रात को ही धोया गया संसद भवन, शुद्धिकरण भी हुआ
पं. सूर्यनारायण व्यास के सलाह पर ही 15 अगस्त की रात को संसद भवन का शुद्धिकरण किया गया था और इसकी जिम्मेदारी गोस्वामी गिरधारीलाल को दी गई. उन्होंने संसद भवन को धुलवाया और उसका शुद्धिकरण करवाया.

जिन्ना ने चुना गलत दिन
पं. व्यास ने जिन्ना को आगाह किया था कि 14 अगस्त का दिन ठीक नहीं है, उस दिन अस्थिर लग्न यानी मेष का लग्न है, साथ ही गुरु भी शत्रु स्थान पर है जो देश को हमेशा अस्थिर रखेगा, लेकिन जिन्ना नहीं माने। गौरतलब है कि जिन्ना की पत्नी रतनबाई पं. सूर्यनारायण व्यास को मानती थीं, लेकिन 1929 में ही उनका निधन हो चुका था.

किताब "हू डज नॉट कंसल्ट दी स्टार्स" में भी जिक्र
भारत की आजादी के मुहूर्त की बात टाइम मैगजीन में भी छपी थी। बात 1980 की है. वहीं इस बात का जिक्र सर वुडो ब्राइट ने एक किताब 'हू डज नॉट कंसल्ट दी स्टार्स" (who does not consult the stars) में भी है. 
 

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