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Gemstone Benefits: इस नीले रत्न को धारण करते ही चमक जाएगी आपकी किस्मत, जानें कौन सी राशियों के लिए होता है बेस्ट

हिंदू धर्म रत्नों का बड़ा महत्व है. इन्हीं में से एक नीला रत्न है, जिसे धारण करने से शनि की साढ़े साती से लेकर ढैय्या का प्रभाव कम हो जाता है. इससे जीवन में कई लाभ प्राप्त होते हैं.

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Gemstone Benefits: इस नीले रत्न को धारण करते ही चमक जाएगी आपकी किस्मत, जानें कौन सी राशियों के लिए होता है बेस्ट
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जिस तरह ज्योतिष में ग्रहों का महत्व बताया गया है. ठीक वैसे ही रत्नशास्त्र में ग्रहों की अशुभ प्रभावों को कम करने व शुभ फलों की प्राप्ति के लिए रत्नों का महत्व बताया गया है. ऐसे में सभी नौ ग्रहों में शनि की चाल सबसे धीमी हैं. शनि ग्रह जिस पर मेहरबान हो जाते हैं. उसे रातों रात रंक से राजा बना देते हैं. वहीं इनकी क्रूर दृष्टी व्यक्ति को रोग, पीड़ा, दुख देकर जीवन को मुश्किलों से भर  देती है. यह मकर और कुंभ राशि के स्वामी होतो हैं. साथ ही शनि देव का नीलम रत्न होता है. वहीं उपरत्न होता है नीले रंग का नीली. नीलम रत्न काफी महंगा मिलता है. वहीं नीली उपरत्न सस्ता मिल जाता है. हालांकि इसे धारण करने पर व्यक्ति को शनि से जुड़े कई शुभ लाभ प्राप्त होते हैं. आइए जानते हैं नीली रत्न धारण करने के लाभ और इससे पहनने की सही विधि और महत्व...

नीली रत्न धारण करने के लाभ

ज्योतिषाचार्य प्रीतिका मोजुमदार के अनुसार, जिन लोगों को घबराहट या भय लगता है. उन्हें नीला रत्न धारण करना चाहिए. इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं. साथ ही भूत प्रेत से लेकर नकारात्मक गति​विधियों का असर भी खत्म हो जाता है. इस रत्न को धारण करने से धैर्य आता है. जीवन में चल रही शनि की क्रूर प्रभाव कम होता है. इसे धारण करने पर आर्थिक लाभ होने लगता है. व्यक्ति को नौकरी से लेकर व्यवसाय में उन्नति प्राप्त होती है. 

इन राशि वालों को सूट करता है नीला रत्न

पंचांग के अनुसार, वृषभ, मिथुन, कन्या और तुला से लेकर मकर व कुंभ राशियों के जातकों को नीला रत्न धारण करना चाहिए. यह इनके लिए लाभदायक साबित हो सकता है. वहीं अगर आपकी कुंडली में शनि केंद्र के स्वामी हैं तो नीला रत्न धारण कर सकते हैं. अगर शनि देव शुभ के कुंडली में स्थित हैं तो भी नीला रत्न धारण कर सकते हैं. 

ऐसे धारण करें नीला रत्न

शनि का उपरत्न नीली है. यह नीला रत्न शरीर के वजन के हिसाब से खरीदकर पहना चाहता है. इसे अंगूठी या पैंडल के रूप में भी पहन सकते हैं. नीली को चांदी की धातु के साथ धारण करना शुभ होता है. इसे मध्यमा ऊंगली में पहनना शुभ होता है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)   

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