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New Year 2023: जनवरी से नहीं बल्कि मार्च से शुरू होता था साल का पहला महीना, जानिए रोमन कैलेंडर से जुड़ा ये दिलचस्प इतिहास

New Year 2023: कुछ सालों पहले साल का पहला महीना जनवरी से नहीं बल्कि मार्च महीने से शुरू होता था, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह 

New Year 2023: जनवरी से नहीं बल्कि मार्च से शुरू होता था साल का पहला महीना, जानिए रोमन कैलेंडर से जुड़ा ये दिलचस्प इतिहास

जनवरी से नहीं बल्कि मार्च से शुरू होता था साल का पहला महीना

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डीएनए हिंदी: Why New Year Is Celebrated On 1 January- दिसंबर से ही लोग नए साल की तैयारी में जुट जाते हैं, कई लोग पार्टी की प्लानिंग करते हैं, वहीं कुछ लोग न्यू ईयर के मौके पर कहीं घूमने निकल जाते हैं (New Year Celebration 2023). 1 जनवरी से नए साल की शुरुआत होती है. इस दिन लोग खूब जश्न मनाते हैं. हर कोई इस दिन को अपने-अपने तरीके से सेलिब्रेट करता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नया साल कई वर्ष पहले 1 जनवरी को नहीं बल्कि साल के किसी दूसरे महीने से शुरू होता था. दअरसल कुछ वर्षों पहले कैलेंडर (Roman Calendar) में बदलाव हुआ था जिसके बाद 1 जनवरी से नया साल मनाया जाने लगा. ऐसे में अगर आप अभी तक इस बात से अनजान हैं, तो जान लीजिए नए साल से जुड़े इस दिलचस्प इतिहास के बारे में. 

मार्च महीने से होती थी नए साल की शुरुआत 

नया साल हमेशा से 1 जनवरी से शुरू नहीं होता था. 1 जनवरी को नया साल मनाने की शुरुआत 15 अक्टूबर 1582 से हुई थी. इससे पहले मार्च महीने से न्यू ईयर की शुरुआत हुआ करती थी. बता दें कि रोम के राजा नूमा पोंपिलस ने रोमन कैलेंडर में जरूरी बदलाव किए और कैलेंडर में जनवरी महीना शामिल किया. जनवरी महीने को साल का पहला महीना माना गया. इससे पहले के कैलेंडर में मार्च से शुरू होकर दिसंबर तक सिर्फ 10 महीने हुआ करते थे. इसलिए उस समय एक साल में 310 दिन ही माने जाते थे.

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किसने की 1 जनवरी से नए साल की शुरुआत

विद्वानों की मानें तो रोमन शासक जूलियस सीजर ने नए साल की शुरुआत एक जनवरी से की थी. कहा जाता है जूलियस सीजर की मुलाकात जब खगोलविदों से हुई तो उउन्हें यह पता चला कि धरती 365 दिन और छह घंटे में सूर्य का एक चक्कर लगाती है. ऐसे में इसी बात को ध्यान में रखते हुए साल में 310 दिन की जगह 365 दिन किए गए.

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कुछ सालों बाद यानी 1582 में पोप ग्रेगरी को जूलियस कैलेंडर में लीप ईयर को लेकर थोड़ी गलती मिली. तब मशहूर धर्म गुरू सेंट बीड ने बताया कि एक पूरा साल 365 दिन 6 घंटे का नहीं, बल्कि 365 दिन 5 घंटे और 46 सेकंड का होता है. जिसके बाद रोमन कैलेंडर में बदलाव करते हुए एक नया कैलेंडर तैयार किया गया. कहा जाता है तभी से 1 जनवरी को नया साल मनाने की परंपरा शुरू हुई.

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(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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