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Diabetes in Newborn Babies : डायबिटीज की बीमारी इन दिनों लोगों में तेजी से बढ़ रही है, बड़े ही नहीं बल्कि कम उम्र के बच्चे भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. इसी को लेकर वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक चौंकाने वाली खोज की है...
Diabetes in Newborn Babies : डायबिटीज की बीमारी इन दिनों लोगों में तेजी से बढ़ रही है, बड़े ही नहीं बल्कि कम उम्र के बच्चे भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. इसी को लेकर वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक चौंकाने वाली खोज की है. दरअसल, 6 महीने से कम उम्र के कुछ शिशुओं में भी डायबिटीज का एक बिल्कुल नया प्रकार पाया गया है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह सामान्य कारणों से नहीं, बल्कि उनके DNA में हुए खास बदलावों की वजह से हुआ है. इस नई खोज में टीएमईएम167ए नामक जीन को इस बीमारी से जोड़ा जा रहा है. आइए जानते हैं इसके बारे में...
एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस नई बीमारी का कारण बच्चों के डीएनए में पाए जाने वाले खास बदलाव या म्यूटेशन हैं. नवजात शिशुओं में जो डायबिटीज होती है, लगभग 85 प्रतिशत मामलों में यह बीमारी उनके जीन में हुई गड़बड़ी के कारण हुई है. एक्सपर्ट ने टीएमईएम167ए नामक एक जीन को इस बीमारी से जोड़ कर उसकी भूमिका समझाई है. बता दें कि यह जीन इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं के काम करने के लिए बेहद जरूरी होता है.
इस शोध में यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर (यूके) और बेल्जियम की यूनिवर्सिटी लिब्रे डी ब्रुसेल्स (यूएलबी) ने मदद किया. शिशुओं के DNA की जांच की, जिन्हें न केवल डायबिटीज थी, बल्कि मिर्गी और माइक्रोसेफली जैसी मस्तिष्क संबंधी समस्याएं थीं. इस जांच के में टीएमईएम167ए जीन में बदलाव सामने आए.
एक्सपर्ट ने बताया कि DNA बदलावों को जानने से पता चलता है कि कौन से जीन इंसुलिन बनाने में मुख्य भूमिका निभाते हैं. इस खोज ने टीएमईएम167ए जीन के बारे में नई जानकारी दी, जिससे यह पता चला कि यह जीन इंसुलिन बनाने वाली बीटा कोशिकाओं के सही कामकाज के लिए जरूरी होते हैं.
यह नवजात में डायबिटीज को समझने के लिए ही नहीं, बल्कि संपूर्ण इंसुलिन उत्पादन प्रक्रिया को जानने के लिए अहम है. दरअसल डायबिटीज की अधिकतर दवाएं इंसुलिन के उत्पादन या उसकी क्रिया पर असर डालती हैं और अगर इस नए जीन की भूमिका पूरी तरह समझ ली गई. तो इस स्थिति में भविष्य में ऐसी दवाएं बनाई जा सकेंगी जो मूल कारण, यानी जीन स्तर पर बीमारी को नियंत्रित कर सकें.
Disclaimer: यह खबर जानकारी पर आधारित है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें.
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