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प्रेमानंद महाराज क्यों नहीं चाहते अपनी किडनी ट्रांसप्लांट कराना? वजह जानकर निकल आएंगे आंसू

राधावल्लभ संप्रदाय से जुड़े और श्रीजी के भक्त प्रेमानंद महाराज की दोनों ही किडनियां डैमेज हैं और इन दिनों इसी कारण उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है, लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर किस वजह से महाराज किडनी ट्रांसप्लांट नहीं करा रहे हैं?

ऋतु सिंह | Oct 12, 2025, 01:39 PM IST

1.प्रेमानंद महाराज की किडनी 2006 से ही डैमेज है

प्रेमानंद महाराज की किडनी 2006 से ही डैमेज है
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प्रेमानंद महाराज की किडनी 2006 से ही डैमेज हो चुकी है और बाबा तब से संयमित दिनचर्या और राधारानी की कृपा से अपनी जिंदगी जी रहे हैं. हालांकि आए दिन उनकी तबियत खराब होती रहती है. लेकिन फिर भी वह किडनी ट्रांसप्लाट को राजी नहीं होते हैं. जबकि उनकी बीमारी का एक ही ये इलाज है.

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2.प्रेमानंद महाराज को आए दिन डायलिसिस कराना पड़ता है

प्रेमानंद महाराज को आए दिन डायलिसिस कराना पड़ता है
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प्रेमानंद महाराज को आए दिन डायलिसिस कराना पड़ता है और उसके बाद वह बेहद कमजोर हो जाते हैं लेकिन श्रीजी के भक्त अपनी भक्ति और शक्ति के बल पर न केवल राधारानी की पूजा-अर्चना करते रहते हैं बल्कि सत्संग भी करते हैं. 

3.प्रेमानंद महाराज क्यों नहीं होते किडनी ट्रांसप्लांट को राजी

प्रेमानंद महाराज क्यों नहीं होते किडनी ट्रांसप्लांट को राजी
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प्रेमानंद महाराज रोज रात में करीब 2 बजे वृंदावन की पैदल परिक्रमा भी करते हैं लेकिन आजकल उनकी तबियत खराब होने के चलते परिक्रमा बंद है. किडनी खराबी के कारण उनकी आंखें, चेहरा और शरीर सूज गया है लेकिन वह इसके बाद भी किडनी ट्रांसप्लांट को राजी नहीं होते हैं और इसके पीछे एक बड़ी वजह है. ये वजह सुनकर आपकी आंखों में आंसू आ जाएंगे.

4.प्रेमानंद महाराज इस कारण नहीं कराते किडनी ट्रांसप्लांट

प्रेमानंद महाराज इस कारण नहीं कराते किडनी ट्रांसप्लांट
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असल में प्रेमानंद महाराज ने अपनी दोनों किडनियों को राधा-कृष्ण को समर्मित कर दिया है और एक का नाम राधा और दूसरे का कृष्ण रखा है. उनका कहना है कि जब तक राधा रानी चाहेंगी तब तक वह जीवित रहेंगे और जिस दिन वह उन्हें बुलाएंगी वह चले जाएंगे. वह अपनी किडनी बदलवा नहीं सकते हैं.

5.प्रेमानंद महाराज क्या कहते हैं?

प्रेमानंद महाराज क्या कहते हैं?
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प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि वह श्रीजी के नाम अपना जीवन समर्पित कर दिए हैं और जिस दिन श्रीजी उन्हें लेने आएंगी वह खुशी-खुशी चल देंगे. इस धरती पर उनका कुछ नहीं है जो है वह श्रीजी हैं और जब वहीं लेने आएंगी तो फिर कैसा रोना.

6.प्रेमानंद महाराज का जीवन एक तपस्या है

प्रेमानंद महाराज का जीवन एक तपस्या है
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आपको बता दें कि प्रेमानंद महाराज का जीवन एक तपस्या है क्योंकि वह पूरे दिनभर में आधी रोटी और एक छोटी सी लोटी से पानी पीते हैं. इससे ज्यादा न वह खा सकते है न पानी पी सकते हैं. अगर उनको प्यास लगती है तो उनके शिष्य उनके होंठों के गीले कपड़े से पोंछ देते हैं. बहुत कठिन परिस्थिति में भी वह हमेशा हंसते और खुश रहते हैं और लोगों को भी यही सीख देते हैं.

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