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दुनिया के 10 सबसे बड़े तख्ता पलट आंदोलन: जहां Gen Z के विद्रोह के चलते गिरीं सरकारें

अगर आपको ये लगता है कि मोबाइल स्क्रीन पर गर्दन झुकाए रहने वाला 'जेन जी' केवल व्हाट्सअप और फेसबुक पर ही विरोध कैंपेन नहीं चलाता बल्कि सरकारों का तख्ता पलट भी करा देता है. इसका ताजा उदाहरण नेपाल है. केवल नेपाल ही नहीं दुनिया के कई और देशों में भी जेन जी ने ऐसे ही तख्ता पलट किए हैं.

ऋतु सिंह | Sep 10, 2025, 11:44 AM IST

1.जेन जी के आंदोलन- जिन्होंने सरकारों को उखाड़ फेंका

जेन जी के आंदोलन- जिन्होंने सरकारों को उखाड़ फेंका
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जन असंतोष हमेशा से ही देशों के राष्ट्रपतियों के लिए चुनौती रहा है. कुछ आंदोलनों ने सिर्फ़ एक सरकार के ख़िलाफ़ ही नहीं, बल्कि कई देशों के राजनीतिक ढाँचे को हिलाकर रख दिया है. पिछले कुछ सालों में दुनिया भर में कई शक्तिशाली आंदोलन हुए हैं, जिनके कारण कई नेताओं को इस्तीफ़ा देना पड़ा है. नेपाल भी अब ऐसे ही आंदोलनों वाले देशों की सूची में शामिल हो गया है. आइए अब उन शीर्ष 10 घटनाओं पर नज़र डालते हैं जहाँ जनाक्रोश के कारण सरकारें और नेता गिर गए.
 

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2.नेपाल (2025: के.पी. शर्मा ओली)

नेपाल (2025: के.पी. शर्मा ओली)
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भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध से नाराज़ युवाओं ने संसद भवन पर हमला किया. पुलिस गोलीबारी में 20 लोग मारे गए और 200 से ज़्यादा घायल हुए. भारी दबाव के चलते प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफ़ा दे दिया. उप-प्रधानमंत्री विष्णु प्रसाद पर भी लोगों ने हमला किया.
 

3.बांग्लादेश (2024: शेख हसीना)

बांग्लादेश (2024: शेख हसीना)
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सरकारी नौकरियों में भेदभावपूर्ण आरक्षण नीति के खिलाफ छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. यह पूरे देश में हिंसक हो गया. अंततः जनता के दबाव में प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और भारत में शरण ली.

4.थाईलैंड (2025: फेथोंगथेंग शिनावात्रा)

थाईलैंड (2025: फेथोंगथेंग शिनावात्रा)
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जुलाई 2025 में कंबोडिया के साथ लीक हुए संचार और सैन्य दुर्व्यवहारों के विरोध में हज़ारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. अदालत के आदेश के बाद अगस्त 2025 में पैथोंगटार्न को पद से हटा दिया गया.

 

5.श्रीलंका (2022: गोटबाया राजपक्षे)

श्रीलंका (2022: गोटबाया राजपक्षे)
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आर्थिक संकट, भ्रष्टाचार और दुर्व्यवहारों को लेकर महीनों से विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं. लोगों ने राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री कार्यालय को घेर लिया है. गोटाबाया राजपक्षे देश छोड़कर भाग गए, जबकि महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफ़ा दे दिया.
 

6. सूडान (2022: अब्दुल्ला हमदोक)

 सूडान (2022: अब्दुल्ला हमदोक)
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2021 के सैन्य तख्तापलट के बाद, लोग एक नागरिक लोकतांत्रिक सरकार की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए. सेना ने गोलीबारी की, जिसमें 53 लोग मारे गए. जन आक्रोश के कारण अंततः प्रधानमंत्री हमदोक को इस्तीफा देना पड़ा.

7.अल्जीरिया (2019: अब्देलअज़ीज़ बुउटफ्लिका)

अल्जीरिया (2019: अब्देलअज़ीज़ बुउटफ्लिका)
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हिराक नाम से मशहूर इस आंदोलन का उद्देश्य बुटेफ्लिका को पाँचवीं बार राष्ट्रपति बनने से रोकना था. लाखों लोग सड़कों पर उतरकर इसका विरोध कर रहे थे. बुटेफ्लिका ने अप्रैल 2019 में इस्तीफ़ा दे दिया था.
 

8.सर्बिया (2025: मिलोस वुसेविक)

सर्बिया (2025: मिलोस वुसेविक)
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जनवरी 2025 में एक स्टेशन के ढहने और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन जारी रहने के कारण, प्रधानमंत्री मिलोस वुसेविक ने 28 जनवरी 2025 को इस्तीफा दे दिया.
 

9.लेबनान (2019: साद हरीरी)

लेबनान (2019: साद हरीरी)
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आर्थिक पतन, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिक राजनीतिक व्यवस्था के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन 13 दिनों तक जारी रहे. 29 अक्टूबर 2019 को प्रधानमंत्री साद हरीरी ने इस्तीफ़ा दे दिया.
 

10.बोलीविया (2019: इवो मोरालेस)

बोलीविया (2019: इवो मोरालेस)
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चुनाव में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए लोग सड़कों पर उतर आए. 10 नवंबर, 2019 को, 14 साल सत्ता में रहने के बाद, राष्ट्रपति इवो मोरालेस ने इस्तीफ़ा दे दिया और देश छोड़कर भाग गए.
 

11.किर्गिस्तान (2020: सूरोनबे जीनबेकोव)

किर्गिस्तान (2020: सूरोनबे जीनबेकोव)
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संसदीय चुनावों में कथित अनियमितताओं के विरोध में प्रदर्शन हिंसक हो गए. लोगों ने सरकारी इमारतों पर कब्ज़ा कर लिया. अंततः जीनबेकोव को इस्तीफ़ा देने के लिए मजबूर होना पड़ा.

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