लाइफस्टाइल
Abhay Sharma | Oct 17, 2025, 07:10 AM IST
1.खान-पान पर खास ध्यान

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस मौसम में खाने-पीने में विशेष सावधानी रखनी चाहिए और डाइट में ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए, जो शीतल, पचने में आसान और पित्त को शांत करने वाले हों. इस दौरान डाइट में जौ, गेहूं, चावल जैसे हल्के अनाज और दूध आदि को डाइट में शामिल करना चाहिए.
2.मौसमी फल और सब्जियां

इस मौसम में नारियल, जामुन, अमरूद और बेल शरीर की गर्मी को संतुलित रखते हैं और हरी सब्जियां जैसे लौकी, तुरई, पालक और मेथी पाचक होती हैं और पित्त को कम करती हैं. इसके अलावा आंवला रस और नींबू पानी डिटॉक्स करने में सहायक होते हैं.
3.इन चीजों को खाने से बचें

इस मौसम में ज्यादा तीखे मसाले, तला-भुना खाना, चाय, कॉफी, शराब, मांस-मछली और अत्यधिक तैलीय या मीठा भोजन नहीं लेना चाहिए, ये पित्त दोष को और बढ़ाते हैं. इस मौसम में पाचन अग्नि भी थोड़ी कमजोर होती है, ऐसे में भारी भोजन से बचना चाहिए.
4.आयुर्वेद में कुछ घरेलू उपाय

इसके अलावा धूप में ज्यादा समय बिताना, मुश्किल व्यायाम करना भी शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है. आयुर्वेद में कुछ घरेलू उपाय भी बताए गए हैं जो इस मौसम में लाभकारी हो सकते हैं. इसमें सौंफ और धनिया का काढ़ा, नारियल पानी, आंवला शरबत, शतावरी दूध आदि शामिल हैं.
5.जीवनशैली में बदलाव

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस मौसम में जीवनशैली में थोड़ा बदलाव जरूरी है. सुबह जल्दी उठकर ठंडे पानी से स्नान करें और नाक में घृत या अनु तेल की कुछ बूंदें डालें, इसके अलावा दोपहर का भोजन हल्का रखें. रात को कुछ समय टहलना पित्त को शांत करता है और इस मौसम में तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना भी फायदेमंद होता है.
6.शरीर को संतुलित और शुद्ध करने का मौसम

शरद ऋतु केवल एक सुंदर मौसम ही नहीं है होता है, बल्कि यह शरीर को संतुलित करने और शुद्ध करने का भी समय है. आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर हम मौसम के अनुसार जीवनशैली और भोजन अपनाएं, तो कई रोगों से खुद को बचा सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं.
Disclaimer: यह खबर सामान्य ग्रह-गणनाओं और सामान्य ज्योतिष पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है
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