Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Scientific Fact: क्यों आती है हिचकी? इसे रोकने के लिए ट्राई करें ये ट्रिक्‍स

वैज्ञानिकों के अनुसार, पाचन या श्वास नली में अत्यधिक हलचल व गड़बड़ी से व्यक्ति को हिचकी आ सकती है.

Scientific Fact: क्यों आती है हिचकी? इसे रोकने के लिए ट्राई करें ये ट्रिक्‍स
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: बड़े बुजुर्गों का कहना है कि जब हमें कोई याद करता है तो हिचकी (Hiccup) आती है लेकिन यह सही तर्क नहीं है. इसके पीछे साइंटिफिक कारण भी होता है तो आइए जानते हैं कि हिचकी क्यों आती है और इसे कैसे कंट्रोल किया जा सकता है.

कब आती है हिचकी?
मेडिकल साइंस के मुताबिक, सांस लेने की प्रक्रिया के दौरान फेफड़ों में हवा भर जाती है. इस वजह से सीने और पेट के बीच का हिस्सा जिसे डायाफ्राम कहते हैं, उसमें कंपन होती है और वह सिकुड़ जाता है. इस थरथराहट से सांस लेने का फ्लो टूट जाता है और हिचकी आने लगती है.

इसके अलावा हिचकी आने का एक कारण पेट से भी जुड़ा है. खाना खाने या गैस के चलते जब पेट बहुत ज्यादा भर जाता है तो उससे भी हिचकी आने लगती है. 

वैज्ञानिकों के अनुसार, पाचन या श्वास नली में अत्यधिक हलचल व गड़बड़ी से व्यक्ति को हिचकी आ सकती है. ज्यादा मसालेदार व तीखा भोजन करने से और शराब के अत्यधिक सेवन के कारण भी लोगों को हिचकी होने लगती है. वहीं जो लोग जल्दबाजी में बिना चबाए खाने को सीधे निगलने की कोशिश करते हैं, उन्हें भी कई बार हिचकी आने लगती है.

ये भी पढ़ें- Omicron से बच जाएंगे लेकिन दिमाग से महीनों तक नहीं हटेगी Brain Fog, क्या है यह?

क्यों आती है ऐसी आवाज?
हिचकी के दौरान आने वाली आवाज का संबंध वोकल कॉर्ड से जुड़ा है. दरअसल डायाफ्राम के सिकुड़ जाने से वोकल कॉर्ड (Vocal Cords) क्षण भर के लिए बंद हो जाती है जिसके चलते मुंह से हिचकी की ध्वनि निकलने लगती है.

हिचकी रोकने के लिए ट्राई करें ये ट्रिक्‍स

  • हिचकी को रोकने के लिए आप कुछ देर के लिए अपनी सांस रोक सकते हैं. कुछ सेकंड के लिए अपनी सांस रोककर रखने से आपके शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड इफेक्टिव रूप से बनी रहती है. यह डायाफ्राम में ऐंठन को खत्म करने में मदद करता है और ऐसे हिचकी को रोका जा सकता है. 
  • इसके अलावा हिचकी आने पर एक छोटे पेपर बैग में धीरे-धीरे और गहरी सांस लें. फिर धीरे-धीरे सांसों के जरिए बैग को फुलाएं. यह ब्लड में कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर को बढ़ा सकता है और ज्यादा ऑक्सीजन लाने के लिए डायाफ्राम कॉन्ट्रेक्ट को और ज्यादा गहरा कर सकता है. ध्यान रहे कि इसके लिए आप कभी भी प्लास्टिक बैग का उपयोग न करें.
  • अगर आपके पास पेपर बैग नहीं है तो किसी आरामदायक जगह पर बैठ जाएं, अब अपने घुटनों को अपनी छाती पर लाएं और उन्हें दो मिनट के लिए वहीं रखें. घुटनों को खींचने से छाती संकुचित होती है जिससे डायाफ्राम की ऐंठन बंद हो जाती है.
  • हिचकी को रोकने के लिए आप ठंडे पानी का सहारा भी ले सकते हैं. एक गिलास बर्फीले ठंडे पानी से लगातार 9-10 घूंट लेने की जरूरत है. जब आप पानी को निगल रहे होते हैं तो अन्नप्रणाली के लयबद्ध संकुचन डायाफ्राम की ऐंठन को खत्म कर सकते हैं.
  • हिचकी लगातार आ रही है और आप परेशान हो रहे हैं तो आप ऐसे समय में जीभ बाहर निकाल कर इसे रोक सकते हैं. सुनने में यह थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन यह ट्रिक काम की साबित होगी. दरअसल आपकी जीभ एक दबाव बिंदु है और अपनी जीभ को खींचने से आपके गले की मांसपेशियां उत्तेजित होती हैं.
Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement