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Sardar Patel के कारण है आज का भारतीय नक्शा, क्यों कहते हैं ऐसा, जानना है तो देखिए ये प्रदर्शनी

संस्कृति मंत्रालय की मदद से भारतीय इतिहास अनुसंधान केंद्र और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र ने सरदार पटेल पर प्रदर्शनी आयोजित की है.

Sardar Patel के कारण है आज का भारतीय नक्शा, क्यों कहते हैं ऐसा, जानना है तो देखिए ये प्रदर्शनी
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डीएनए हिंदी: भारतीय इतिहास में सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Patel) की क्या अहमियत है? यह बात शायद ही किसी से छिपी हुई है. इसके बावजूद नई पीढ़ी उनके बारे में बहुत ज्यादा नहीं जानती है. सरदार पटेल को आधुनिक भारत की तस्वीर बनाने वाला क्यों कहा जाता है और यह क्यों कहा जाता है कि मौजूदा भारत का नक्शा उन्हीं की देन है? यदि इन सब सवालों का जवाब पाना है तो उनके योगदान के बारे में जानना होगा, जिसका बेहतरीन मौका संस्कृति मंत्रालय, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र और भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद् (ICHR) ने युवा पीढ़ी को उपलब्ध कराया है.

यह मौका उपलब्ध कराया गया है सरदार पटेल पर आधारित फोटो प्रदर्शनी 'सरदार पटेल- एकीकरण के शिल्पी' के जरिये, जिसका आयोजन दिल्ली की ललित कला अकादमी में किया जा रहा है. अकादमी की कला दीर्घा-8 में आयोजित यह प्रदर्शनी सरदार पटेल के जन्मदिन यानी 31 अक्टूबर तक चलेगी, जिसमें उनके जीवन के साथ ही भारत के एकीकरण में उनके योगदान से भी जुड़ी तस्वीरें पेश की गई हैं.

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Sardar Patel Exibition

संस्कृति मंत्री बोलीं- 1947 से 1950 के बीच लौहपुरुष का योगदान अतुलनीय

प्रदर्शनी का उद्घाटन बुधवार को केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने किया. इस दौरान उन्होंने सरदार पटेल के योगदान को याद किया. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भारत के पुनर्निमाण में बहुत सारे नेताओं का योगदान है, लेकिन 1947 और 1950 के बीच लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल का योगदान अतुलनीय है. विदेश राज्यमंत्री की भी जिम्मेदारी संभाल रहीं लेखी ने कहा, आज जो भारत का मानचित्र है, वह सरदार पटेल जैसा सशक्त नेतृत्व उस समय हमारे पास नहीं होने पर संभव नहीं होता.

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पटेल एकता और अखंडता के भी प्रतीक पुरुष

मीनाक्षी लेखी ने 15 अगस्त को लाल किले से दिए भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से बताए गए 'पंच प्रण' की याद दिलाई. उन्होंने कहा, इनमें से एक प्रण एकता और अखंडता का भी है. सरदार पटेल देश की एकता और अखंडता के प्रतीक पुरुष हैं. उन्होंने कहा कि एकता का एक अर्थ राजनीतिक एकता भी है. दुनिया के जिन देशों ने खूब तरक्की की है, वह एकता और अखंडता के बल पर ही की है। भारत एकता में विविधता का देश है.

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दिल्ली से बाहर के लोग भी डाउनलोड कर डिजिटल तरीके से देख सकते हैं प्रदर्शनी

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने बताया कि यह प्रदर्शनी देश में कई स्थानों पर डिजिटल तरीके से चल रही है. कोई भी व्यक्ति इस प्रदर्शनी के हिंदी व अंग्रेजी संस्करण को https://amritmahotsav.nic.in/unity-festival.htm लिंक से डाउनलोड करने के बाद अपने यहां प्रदर्शित कर सकता है. उन्होंने बताया कि अभी तक 500 से ज्यादा लोगों और संस्थाएं इस प्रदर्शनी को डाउनलोड कर चुके हैं. इस मौके पर ICHR के सदस्य सचिव प्रो. उमेश अशोक कदम ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान के बारे में जनता को विस्तार से बताए जाने की जरूरत है. अंत में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के जनपद संपदा विभाग अध्यक्ष डॉ. के. अनिल कुमार ने सभी को धन्यवाद कहा.

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