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DMK और उनके सहयोगियों ने राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा. जिसमें उन्होंने तमिलनाडु के राज्यपाल RN Ravi को बरखास्त करने की मांग की.
Updated : Nov 10, 2022, 11:16 AM IST
डीएनए हिंदी: डीएमके (DMK) और उसकी सहयोगी पार्टियों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि को वापस बुलाने की मांग की है. डीएमके ने इस बारे में राष्ट्रपति को ज्ञापन भी सौंपा है. डीएमके के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "डीएमके और सहयोगी दलों के 50 लोकसभा और राज्यसभा सांसदों में से 46 ने ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए." ज्ञापन की एक कॉपी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय को भेजी गई है. ज्ञापन में कहा गया है कि आरएन रवि संवैधानिक पद संभालने के लिए अयोग्य हैं और उनकी सहमति की प्रतीक्षा में 20 विधेयकों का काम रुका हुआ है. सांसदों ने कहा कि राज्यपाल, निर्वाचित राज्य सरकार का विरोध करते हैं और संवैधानिक ढांचे का उल्लंघन करते है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ बिना मुलाकात किए द्रमुक और सहयोगियों ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन को एक ज्ञापन सौंपा. जिसमें तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि को वापस बुलाने की मांग की गई. राष्ट्रपति को संबोधित नौ पन्नों के ज्ञापन में कहा गया है कि रवि संवैधानिक पद संभालने के लिए अयोग्य हैं और उनकी सहमति के चलते 20 विधेयकों पर का पेंडिंग पड़ा हुआ है.
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विधेयकों में ऑनलाइन गैंबलिंग बैन विधेयक शामिल हैं. ज्ञापन की एक प्रति केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय को भी सौंपी गई. द्रमुक के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "द्रमुक और सहयोगी दलों के 50 लोकसभा और राज्यसभा सांसदों में से 46 ने ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए."
ज्ञापन में सांसदों ने कहा कि तमिलनाडु के राज्यपाल ने संविधान के संरक्षण और पद ग्रहण करने के दौरान ली गई शपथ का उल्लंघन किया है. ज्ञापन में कहा गया है कि वह सांप्रदायिक नफरत भड़का रहे हैं जिससे राज्य की शांति के लिए खतरे हैं.
ज्ञापन में कहा गया है, "कुछ लोग उनके बयानों को देशद्रोही मान सकते हैं क्योंकि वे कानून द्वारा स्थापित सरकार के प्रति घृणा या अवमानना या उत्तेजना या असंतोष पैदा करने का प्रयास करते हैं."
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ज्ञापन में कहा गया है कि राज्यपाल सार्वजनिक रूप से खतरनाक, विभाजनकारी, धार्मिक बयानबाजी का बेबाकी से प्रचार कर रहे हैं, जो एक राज्यपाल के लिए अशोभनीय है. सांसदों ने रवि की हालिया टिप्पणी की ओर इशारा करते हुए कहा, "उनके भाषण लोगों के बीच नफरत भड़काने और सांप्रदायिक अशांति पैदा करने के इरादे से दिए गए हैं."
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