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क्या CBI कर रही तेजस्वी यादव की घेराबंदी? HC से IRCTC घोटाले में तेज ट्रायल की मांग

बिहार में नई सरकार बन गई है. आज कैबिनेट का विस्तार भी हो रहा है. इस बीच खबर है कि आईआरसीटीसी होटल घोटाले केस में सीबीआई उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को घेरने की तैयारी कर रही है. इस मामले में तेज सुनवाई के लिए सीबीआई ने हाई कोर्ट में अर्जी भी दाखिल की है...

क्या CBI कर रही तेजस्वी यादव की घेराबंदी? HC से IRCTC घोटाले में तेज ट्रायल की मांग

बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव.

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डीएनए हिन्दी: पटना में नई सरकार बन गई है. बीजेपी को छोड़कर अब नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने आरजेडी (RJD) का दामन थाम लिया है. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के पुत्र तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली है. सरकार में कैबिनेट का विस्तार भी हो रहा है. खबर है कि दूसरी तरफ सीबीआई ने भी मोर्चा संभाल लिया है. 

इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर की मानें तो केंद्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) आईआरसीटीसी होटल घाटले के मामले में तेजी लाने जा रही है. ध्यान रहे कि इस मामले पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के साथ-साथ 11 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है. सीबीआई ने इस मामले में 4 साल पहले चार्जशीट दाखिल की थी, लेकिन अभी तक बहस शुरू नहीं हुई है.

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चार्जशीट दाखिल होने के बाद 2019 में इस मामले में एक आरोपी ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की. उसने सीबीआई पर आरोप लगाया कि वह बिना सरकार से मंजूरी लिए उस पर आरोप तय किया जा रहा है. आरोपी का कहना था कि जिस वक्त की यह घटना है उस वक्त वह सरकारी कर्मचारी थी. लिहाजा इस मामले आरोपी बनाने से पहले सीबीआई को सरकार से अनुमति लेनी चाहिए थी. साथ ही उसने हाई कोर्ट से इस चार्जशीट को भी रद्द करने की मांग की थी. 

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दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए आरोपी विनोद कुमार अस्थाना को निचली अदालत में पेश होने से छूट दे दी थी. हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद 2 अन्य आरोपियों द्वारा भी सीबीआई के खिलाफ इसी तरह की याचिका दायर की गई. इन वजहों से इस मामले में अब तक बहस शुरू नहीं हो पाई है.

खबर है कि पिछले हफ्ते सीबीआई ने हाई कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की है और अस्थाना की अर्जी पर फैसले की मांग की है. सीबीआई ने यह भी कहा है कि कोर्ट का जो फैसला आएगा उसी के हिसाब से अस्थाना के खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे. सीबीआई ने आरोपों पर बहस शुरू करने की इजाजत भी हाई कोर्ट से मांगी है.

गौरतलब है कि सीबीआई ने जुलाई 2017 में लालू यादव, तेजस्वी यादव और अन्य लोगों के खिलाफ इस मामले में केस दर्ज किया था. करीब एक साल के बाद सीबीआई द्वारा 2018 चार्जशीट दायर की गई.

गौरतलब है कि यह मामला 2004 का है. उस वक्त केंद्र में यूपीए की सरकार थी और लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे. लालू परिवार पर आरोप है कि उन लोगों ने टेंडर के नियम में बदलाव कर गलत तरीके होटलों का आवंटन किया था.

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