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ED की हिरासत में क्यों हैं सतीश उके, मनी लॉन्ड्रिंग केस में कैसे सामने आया नाम?

सतीश उके नागपुर के चर्चित वकील हैं. उनके भाई को भी 6 अप्रैल तक ED की हिरासत में भेजा गया है.

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महाराष्ट्र के वकील सतीश उके और देवेंद्र फडणवीस. (फाइल फोटो)

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डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ कोर्ट केस कर सुर्खियों में रहे वकील सतीश उके (Satish Uke) ने दावा किया है कि राजनीतिक साजिश के तहत उन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने (ED) ने हिरासत में लिया है. सतीश उके साथ उनके भाई भी ईडी की हिरासत में हैं.

सतीश उके कोर्ट में पेशी के दौरान कहा कि उन्हें राजनीतिक बदले (Political Vendetta) की वजह से पूरे प्रकरण में फंसाया गया है. कोर्ट ने सतीश ऊके और उनके भाई प्रदीप उके को 6 अप्रैल तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है.

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नागपुर के पार्वती नगर में स्थित सतीश उके के आवास पर गुरुवार को ईडी ने रेड डाली थी. रेड के बाद दोनों को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 के तहत ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था. दोनों को नागपुर के एडिशनल सेशन जज जीबी राव के सामने शुक्रवार को पेश किया गया था.

क्या है ED का आरोप?

सतीश उके पर आरोप है कि उन्होंने नागपुर में ही कुछ समय पहले कथित तौर पर जाली दस्तावेजों के आधार पर 1.5 एकड़ की जमीन खरीदी थी. ईडी ने आरोप लगाया है कि यह जमीन दोनों भाइयों के नाम से खरीदी गई थी. ईडी ने ऊके बंधुओं के खिलाफ मामला नागपुर के अजनी थाना में कथित जालसाजी और धोखाधड़ी के संबंध में दर्ज दर्ज दो प्रथमिकी के आधार पर दर्ज किया.

BJP नेताओं के खिलाफ केस करते रहे हैं सतीश उके

सतीश ऊके ने भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं पर केस किया है. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ अदालतों में कई याचिकाएं उन्होंने दायर की हैं. देवेंद्र फडणवीस के चुनावी हलफनामे में आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं करने को लेकर उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही की ऊके की एक अर्जी में मांग की गई थी.

जज लोया की मौत पर भी कर चुके हैं जांच की मांग

सतीश ऊके ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में याचिका दायर कर CBI के जज बीएच लोया की संदिग्ध परिस्थितियों में और असमय मृत्यु की पुलिस जांच का आदेश देने का भी आग्रह किया था. जज लोया, 2014 के सोहराबुद्दीन शेख कथित फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे थे.

कांग्रेस नेताओं के करीबी हैं सतीश उके

सतीश ऊके, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले के भी वकील हैं, जिन्होंने कथित तौर पर अवैध रूप से अपना फोन टैप किये जाने को लेकर यहां एक दीवानी अदालत में भारतीय पुलिस सेवा की अधिकारी एवं राज्य खुफिया विभाग की पूर्व प्रमुख रश्मि शुक्ला और अन्य के खिलाफ 500 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर किया था.

राजनीतिक बदले की क्यों बात कर रहे हैं सतीश उके?

हिरासत पर सुनवाई के दौरान सतीश ऊके की ओर से पेश अधिवक्ता रवि जाधव ने आरोप लगाया है कि ईडी ने उनके मुवक्किल को गुरुवार की सुबह छह बजे हिरासत में लिया और उन्हें घर नहीं जाने दिया. उन्होंने कहा कि उन्हें कानून के तहत अनिवार्य हिरासत में लिए जाने के 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश नहीं किया गया. वकील ने दावा किया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ मामला राजनीतिक बदले के तहत दर्ज किया गया है.

क्या है सतीश उके की मांग?

सतीश उके के वकील ने कहा है कि सतीश और प्रदीक ऊके के खिलाफ पीएमएलए के तहत कोई मामला नहीं बनता और और उन्हें जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए. केस के अभियोजक ने कहा कि आरोपी ने दस्तावेज में फर्जीवाड़ा किया गया और अचल संपत्ति हासिल की. उन्होंने कहा कि इस मामले में उनसे पूछताछ जरूरी है. (भाषा इनपुट के साथ)

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