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Madhya Pradesh में लागू हुई शराबबंदी, Cabinet बैठक में हुआ फैसला, उज्जैन समेत 17 शहरों में नहीं छलकेंगे जाम

Madhya Pradesh Liquor Ban: मध्य प्रदेश में भी गुजरात और बिहार की तर्ज पर शराबबंदी लागू करने का मुद्दा दो साल पहले विधानसभा चुनाव में भी उछला था. अब सरकार ने इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने का फैसला लिया है.

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Madhya Pradesh में लागू हुई शराबबंदी, Cabinet बैठक में हुआ फैसला, उज्जैन समेत 17 शहरों में नहीं छलकेंगे जाम
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Madhya Pradesh Liquor Ban: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार ने शराबबंदी की शुरुआत कर दी है. पहले चरण में महाकाल नगरी उज्जैन समेत 17 शहरों में मदिरापान पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की गई है. इस बात का फैसला शुक्रवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट बैठ में लिया गया है. बैठक के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) ने खुद इस फैसले की जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि यह राज्य में शराबबंदी की तरफ बढ़ने की शुरुआत है. पहले चरण में 17 शहरों को चिह्नित किया गया है, जिनमें शराब की दुकानें बंद कराई जाएंगी. यह फैसला 1 अप्रैल से यानी नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ लागू किया जाएगा. इससे राज्य सरकार को मिलने वाले राजस्व में 450 करोड़ रुपये की कमी होगी. 

इन जगहों पर लागू होगी पहले शराबबंदी
खरगोन के पर्यटन नगर महेश्वर में आयोजित कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि राज्य में पहले 17 धार्मिक नगरों व गांवों को शराबबंदी के लिए चिह्नित किया गया है. इनमें एक नगर निगम, 6 नगर पालिका, 6 नगर पंचायत और 6 ग्राम पंचायत शामिल हैं. इनमें उज्जैन नगर निगम  के अलावा ओंकारेश्वर, मंडलेश्वर, महेश्वर, अमरकंटक, चित्रकूट, दतिया, मंडला, पन्ना, मंदसौर, मुलताई, मैहर, ओरछा, सलकनपुर माता मंदिर, बर्मानकला, लिंगा, कुंडलपुर, अरमानपुर और बादलपुर शामिल है. यह आदेश इन सभी जगहों के 5 किलोमीटर के दायरे में भी लागू होगा.

मौजूदा दुकान बंद की जाएंगी, नई दुकान नहीं खुलेगी
मुख्यमंत्री ने बताया कि इन सभी शहरों, नगर पंचायतों व ग्राम पंचायतों में खुली कुल 47 शराब की दुकानों को बंद किया जाएगा. जहां भी शराब की दुकान बंद होगी, उसकी जगह कभी कोई दूसरी शराब की दुकान नहीं खुलेगी यानी शराब की दुकानें हमेशा के लिए बंद हो जाएंगी. इसी तरह चरणबद्ध तरीके से पूरे प्रदेश में शराबबंदी लागू की जाएगी.

विधवा-तलाकशुदा के विवाह के लिए मिलेंगे 2 लाख रुपये
मध्य प्रदेश सरकार ने तलाकशुदा और विधवा महिलाओं के पुनर्विवाह को भी बढ़ावा देने का निर्णय लिया है. इनके विवाह के लिए कल्याणी विवाह योजना के तहत 2 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा. राज्य में महिलाओं की प्रगति के लिए नई पॉलिसी भी मंजूर की है. अब इसके सारे काम नारी सशक्तिकरण मिशन के तहत किए जाएंगे, जिसके गठन की घोषणा पहले ही हो चुकी है. यह मिशन महिलाओं की सरकारी सेवाओं में भागीदारी बढ़ाने की कवायद करेगा. साथ ही महिलाओं को प्रधानमंत्री स्वनिधि और स्टार्ट-अप मध्य प्रदेश के तहत बिजनेस करने के लिए भी प्रोत्साहन दिया जाएगा.

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