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कर्नाटक हाइकोर्ट ने हिजाब विवाद पर तीन महीने के लंबे टकराव के बीच अपना फैसला सुना दिया है जिसमें हिजाब का समर्थन करने वालों को बड़ा झटका लगा है.
डीएनए हिंदी: कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने हिजाब विवाद की सभी याजिकाओं को खारिज कर दी गई हैं. कोर्ट द्वारा कहा गया है कि हिजाब इस्लाम धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है. अपने इस बयान के साथ ही हिजाब का समर्थन करने वालों को कर्नाटक हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने कहा है हिजाब ना पहनने से निजता का उल्लंघन नहीं होता है. वहीं कोर्ट ने कर्नाटक सरकार की गाइडलाइन को जाएज बताया है.
कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी, जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित और जस्टिस जेएम काजी की बेंच उडुपी की लड़कियों की याचिका पर गठित की गई थी. इन लड़कियों ने मांग की थी कि उन्हें क्लास में स्कूली यूनिफॉर्म के साथ-साथ हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए क्योंकि ये उनकी धार्मिक आस्था का हिस्सा है.
Karnataka High Court dismisses various petitions challenging a ban on Hijab in education institutions pic.twitter.com/RK4bIEg6xX
— ANI (@ANI) March 15, 2022
वहीं इस फैसले को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, "मैं कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं. मेरी सभी से अपील है कि राज्य और देश को आगे बढ़ना है, सभी को HC के आदेश को मानकर शांति बनाए रखनी है. छात्रों का मूल कार्य अध्ययन करना है. इसलिए इन सब को छोड़कर उन्हें पढ़ना चाहिए और एक होना चाहिए.
I welcome the Court's decision. I appeal to everyone that the state & country has to go forward, everyone has to maintain peace by accepting the order of HC. The basic work of students is to study. So leaving all this aside they should study and be united: Union Min Pralhad Joshi https://t.co/xb3BeAYBQm pic.twitter.com/PBzQHqzX9A
— ANI (@ANI) March 15, 2022
कर्नाटक के उडिप्पी के एक कॉलेज में छात्राओं के हिजाब पहनकर क्लास में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया था जिसके बाद मुस्लिम छात्राओं ने विरोध शुरू किया था. वहीं दूसरी हिन्दू छात्रों ने भी हिजाब के जवाब में भगवा रंग स्कार्फ पहनने की मांग कर दी थी. इसके बाद पूरे कर्नाटक में टकराव की स्थिति आ गई थी जिसके चलते राज्य में स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए थे.
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ऐसे में अब कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस मामले में ऐतिहासिक फैसला दिया है जिसके तहत हिजाब पर बैन को निजता का उल्लंघन नहीं माना गया है. साथ ही दूसरी इस्लाम में इस्ला में हिजाब को अनिवार्य ना होने की बात भी कही है. कोर्ट का कहना है कि ड्रेस कोड को निर्धारण करना सरकार के अंतर्गत आता है.
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