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इस सीजन में गुलाबी रंग के फूल ज्यादा निकलते हैं इस वजह से इसे अप्रैल का पिंक मून कहा जाता है.
डीएनए हिंदी: 16 अप्रैल यानी शनिवार की रात आसमान में 'पिंक मून' (Rare Full Pink Moon) का बेहद अद्भुत और खूबसूरत नजारा दिखा. चांद का यह रंग मध्यरात्रि के बाद नजर आया. 12.15 बजे चांद अपने चरम पर था. वहीं दुनिया के अलग-अलग स्थानों पर लोग इसे 15 अप्रैल से 18 अप्रैल के बीच देख पाएंगे.
क्यों कहा जाता हैं पिंक मून?
बता दें कि चंद्रमा के गुलाबी रंग से इसके नाम का कोई लेना देना नहीं है. इस सीजन में गुलाबी रंग के फूल ज्यादा निकलते हैं इस वजह से इसे अप्रैल का पिंक मून कहा जाता है. दुर्लभ पिंक मून के और भी कई अलग-अलग नाम हैं. जैसे स्प्राउटिंग ग्रास मून, एग मून, फिश मून. यहूदी इसे पीसैक या पासओवर मून भी कहते हैं तो वहीं ईसाई धर्म में इसे पाश्चल मून कहा जाता है. इस चांद के निकलने के बाद ईस्टर की तारीख तय होती है.
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इसे लेकर अमेरिका में वॉशिंगटन स्थित नासा (NASA) मुख्यालय के साइंस मिशन डायरेक्टोरेट के प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव गॉर्डन जॉनसन का कहना है कि हम इस सप्ताह को फुल मून वीकेंड कह सकते हैं. पूर्ण चंद्र यानी फुल मून महीने में एक बार तक होता है, जब सूरज, धरती और चांद एक काल्पनिक 180 डिग्री की लाइन पर आते हैं.
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जून-जुलाई में भी दिखेगा अद्भूत नजारा
वहीं 14 जून 2022 को भी सुपर स्ट्रॉबेरी मून (Super Strawberry Moon) दिखेगा. इसके बाद 13 जुलाई को सुपर ब्लैक मून (Super Black Moon) दिखेगा. सुपर स्ट्रॉबेरी मून 14 फीसदी और सुपर ब्लैक मून 7 फीसदी ज्यादा बड़ा दिखेगा.
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