ये उन दिनों की बात है जब Ballot Box में मिलती थी गालियां

1951-52 के बाद अगले आम चुनाव 1957 में हुए थे. इस दौरान कई ऐसी घटनाएं हुईं जिसे आज याद कर हमें हंसी आती है.

1951-52 के बाद दूसरी बार 1957 में आम चुनाव हुए. पहले चुनाव का Ballot Box दूसरे चुनाव में भी काम आया. सुकुमार सेन ही दोनों चुनाव में चुनाव आयुक्त थे. 

10 years of Freedom

देश को आजाद हुए एक दशक हो गया था. भाषा के आधार पर राज्यों का फिर से गठन हुआ और इस दौरान देशवासियों ने कई आंदोलनों को भी देखा था. 

Mumbai Protest

इसी दौरान प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को सबसे तीखा विरोध झेलना पड़ा था. इस प्रदर्शन में तत्कालीन बंबई (Mumbai) को महाराष्ट्र में शामिल करने या उससे अलग रखने को लेकर विरोध चल रहा था.

Sukumar Sen was first election commissioner

इन विवादों के बीच साल 1957 में दूसरी बार देश में आम चुनाव कराए गए थे. सुकुमार सेन ही पहले और दूसरे आम चुनाव के दौरान चुनाव आयुक्त रहे. 

Second election in 1957

लोकतांत्रिक देशों की सूची में सम्मानजनक जगह पाने के लिए दूसरी बार निष्पक्ष चुनाव कराया जाना अहम चुनौती थी. ये चुनाव 1957 में हुए और इस बार यह प्रक्रिया करीब तीन हफ्ते चली थी.

Ballot Box

सुकुमार सेन ने पहले चुनाव में इस्तेमाल हुई 35 लाख मतपेटियों को सुरक्षित रख लिया था. इस वजह दूसरे चुनाव में केवल पांच लाख और मतपेटियों की ही जरूरत पड़ी. 

Booth Capturing

1957 में पहली बार बूथ कैप्चरिंग का मामला मामने आया था. सुकुमार सेन की सूझबूझ की वजह से दूसरे चुनाव में पहले चुनाव के मुकाबले 4.5 करोड़ रुपये की बचत हुईथी.

Total Voting

पहले आम चुनाव में 17 करोड़ 32 लाख से ज्यादा लोगों ने वोट दिया था. इसकी तुलना में दूसरे आम चुनाव में यह संख्या बढ़कर 19 करोड़ 30 लाख के आसपास रही थी. 50 फीसदी वोटिंग हुई थी और कुल 197 टन कागज का इस्तेमाल हुआ.

Interesting fact about 1957 election

जब वोटों की गिनती के लिए Ballot Box खोले गए, तो इनमें मतपत्रों के अलावा भी कई चीजें बाहर आईं. कहीं उम्मीदवार के नाम पर गालियां लिखी हुई थी, तो कहीं से सिक्के भी निकले. कुछ लोगों ने तो अपने फेवरेट एक्टर की फोटो Ballot Box में डाल दी थी.

Jawaharlal Nehru became Prime Minister

1957 के चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस पार्टी भारी बहुमत से जीती और  जवाहरलाल नेहरू देश के पीएम बने. 226 सीटों पर कांग्रेस ने उम्मीदवार उतारे थे जिनमें से 195 ने जीत दर्ज की थी. कांग्रेस के 371 सांसद लोकसभा पहुंचे थे.