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'हाइब्रिड आतंकी' वो हैं जो आतंकियों के रूप में लिस्टेड नहीं हैं लेकिन आतंकवादी हमले को अंजाम देने के लिए पर्याप्त रूप से कट्टरपंथी हैं.
डीएनए हिंदी: मंगलवार सुबह कश्मीर के शोपियां में पुलिस ने एक व्यक्ति को हाब्रिड आतंकी बताते हुए गिरफ्तार किया था. इस व्यक्ति पर आरोप है कि इसने प्रवासी मजदूरों पर हुए हमले में लश्कर का सहयोग किया है. यह व्यक्ति भी लश्कर से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है. आइए आपको बताते हैं कौन होते हैं हाइब्रिड आतंकी और कैसे करते हैं ये काम.
सुरक्षा एजेंसियों की नजर में 'हाइब्रिड आतंकी' वो हैं जो आतंकियों के रूप में लिस्टेड नहीं हैं लेकिन आतंकवादी हमले को अंजाम देने के लिए पर्याप्त रूप से कट्टरपंथी हैं और फिर नियमित जीवन में वापस आ जाते हैं. कहा तो यहां तक जाता है कि सुरक्षा एजेंसियां इन्हें बिलकुल आतंकियों जैसा ही मानती है, जिन्हें आतंकी संगठनों द्वारा स्टैंड-बाय मोड पर रखा जाता है.
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विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले 20 महीनों में कश्मीर में हुए आतंकी हमलों के लिए पुलिस ने 70 प्रतिशत से अधिक 'हाइब्रिड आतंकियों' को जिम्मेदार ठहराया है. गौर करने वाली बात यह है कि इनमें हर पांच में से एक नाबालिग है.
Hybrid Terrorist सामान्य आतंकियों से अलग कैसे?
हाइब्रिड आतंकी एक रेगुलर आतंकी से इसलिए अलग हैं क्योंकि वे विभिन्न आतंकी हमलों को अंजाम देने के बीच में नॉर्मल जीवन जीते हैं. सुरक्षा एजेंसियों के लिए उन्हें ट्रैक करना और उनका पता लगाना मुश्किल होता है क्योंकि वे आम जनता के बीच रहते हैं.
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पिछले रविवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि सूबे में हाइब्रिड आतंकी एक्टिव हैं जिनका शायद ही कोई आतंक से जुड़ा मामला रिकॉर्ड पर हो. वे अपनी पहली गतिविधि के साथ ही आतंकी बनते हैं. उन्होंने कहा कि इन लोगों को मिस गाइड करने के प्रयास किए जाते हैं.
क्या है इनका उद्देश्य?
अधिकारियों का मानना है कि हाइब्रिड आतंकियो को उद्देश्य लोगों में भय बनाना होता है. ये लोग खौफ पैदा करके व्यापार और सामाजिक गतिविधियों को रोकना चाहते हैं जो आतंकियों और उनके इको सिस्टम को रोकते हैं.
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