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वक्फ को लेकर बनाई गई संयुक्त समिति की बैठक एक बार शुक्रवार को हंगामे की भेंट चढ़ गई. जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने आरोप लगाया कि टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने उन्हें गाली दी है.
वक्फ को लेकर बनाई गई संयुक्त समिति (JPC) की बैठक में एक बार फिर हंगामा हो गया. शुक्रवार को हुई इस बैठक में जोरदार हंगामा हुआ. इसके बाद अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया. विपक्षी सांसदों का सवाल था कि आखिर इतनी जल्दबाजी में कमेटी की बैठक क्यों बुलाई जा रही है. इसी वजह से सत्ता पक्ष के सांसद व विपक्ष के सांसदों के बीच नोंक-झोंक हो गई. जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल का आरोप है कि टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने उन्हें गाली दी है.
क्या हैं जगदंबिका पाल के आरोप?
वक्फ को लेकर शुक्रवार को हुई बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई. इस बैठक में हुए हंगामे के बाद जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा, 'हमने सदन को दो बार स्थगित किया. कल्याण बनर्जी ने मेरे खिलाफ असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया और मुझे गाली दी. मैं उनसे अनुरोध करता रहा कि उन लोगों को बोलने दें, जिन्हें हमने आमंत्रित किया था. हमने सदन को बार-बार स्थगित किया, लेकिन वे नहीं चाहते थे कि बैठक जारी रहे. जम्मू-कश्मीर से एक प्रतिनिधिमंडल आया था, लेकिन वे चिल्लाते और नारे लगाते रहे इसलिए आखिरकार निशिकांत दुबे को प्रस्ताव पेश करना पड़ा और सभी ने इस पर सहमति जताई.'
क्या हैं विपक्षी सांसदों के आरोप
विपक्षी सांसदों का कहना है कि अध्यक्ष जगदंबिका पाल बिना विपक्षी सांसदों की बात सुने हुए अपनी मर्जी से बैठकें बुला रहे हैं. पहले कमेटी की बैठक 24 और 25 तारीख थी और अब 25 तारीख को स्थगित कर 27 जनवरी कर दिया गया है. विपक्षी सांसदों ने जगदंबिका पाल पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है. इस बहस में जब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने हस्तक्षेप किया तब तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने उन्हें टोका और दोनों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई. दोनों के बीच बहस इतनी बढ़ गई कि अध्यक्ष को बीच में आना पड़ा. इसके बाद अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने समिति में मौजूद 10 विपक्षी सासंदों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया.
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'विपक्षी सांसद हंगामा कर रहे'
जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि कमेटी के तमाम सदस्यों के कहने के बाद ही मीरवाइज उमर फारूकी को कमेटी के सामने अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया. जगदंबिका पाल ने कहा कि एक तरफ विपक्षी सांसद कहते हैं कि मुस्लिम संगठनों को बोलने का मौका नहीं मिलता और जब हम मौका दे रहे हैं तो उस पर यह हंगामा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा साफ है कि, जितने ज्यादा से ज्यादा लोगों को सुना जा सकता है सुना जाए. इसी वजह से इस कमेटी का कार्यकाल शीतकालीन सत्र तक के लिए था. उसको बढ़ाकर बजट सत्र के लिए किया गया, लिहाजा विपक्ष के आरोप निराधार हैं.
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