Advertisement

म्यांमार गए मैतेई लौटे भारत, राज्य में थमी हिंसा, सीएम बीरेन ने कहा सेना को शुक्रिया

Manipur Violence: मणिपुर हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग घायल हो चुके हैं. आइए जानते हैं कि अब मणिपुर के हालात कैसे हैं...

म्यांमार गए मैतेई लौटे भारत, राज्य में थमी हिंसा, सीएम बीरेन ने कहा सेना को शुक्रिया

Manipur CM N. Biren Singh Hindi News Today 

Add DNA as a Preferred Source

डीएनए हिंदी: मणिपुर में जातीय हिंसा के बाद पड़ोसी देश म्यांमार गए 200 से अधिक भारतीय सुरक्षित घर लौट आए हैं. यह जानकारी मणिपुर के मुख्यमंत्री एन वीरेंद्र सिंह ने ट्वीट के जरिए दी है. उन्होंने बताया कि 3 मई को जातीय हिंसा भड़कने पर मणिपुर के सीमावर्ती शहर मोरोह से ये लोग पड़ोसी देश म्यांमार भाग गए थे. वह वापस आ गए हैं. उन्होंने सभी भारतीयों को सुरक्षित घर बुलाने के लिए भारतीय सेना को धन्यवाद दिया.

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शुक्रवार (18 अगस्त) को ट्ववीट किया कि 3 मई को जातीय हिंसा भड़कने पर मणिपुर के मोरेह शहर से पड़ोसी देश म्यांमार भागने वाले 212 भारतीय सुरक्षित घर लौट आए हैं. इन लोगों को घर लाने के लिए भारतीय सेना का बहुत-बहुत धन्यवाद. जीओसी पूर्वी कमान, लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता, जीओसी 3 कॉर्प, लेफ्टिनेंट जनरल एचएस साही और 5 एआर के सीओ, कर्नल राहुल जैन का बहुत शुक्रिया.

ये भी पढ़ें: PCB ने जय शाह को पाकिस्तान आने के लिए किया आमंत्रित, जानें BCCI ने क्या दिया जवाब

हिंसा में सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था यह क्षेत्र

मणिपुर की राजधानी इंफाल से लगभग 110 किलोमीटर दूर स्थित मोरेह हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र में से एक था. इस इलाके में कुकी, मैतेई के साथ कई अन्य समुदाय के लोग भी रहते हैं. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जातीय संघर्ष से ग्रस्त राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. जानकारी के लिए बता दें कि मणिपुर की कुल आबादी में मैतेई, समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है, जो इंफाल घाटी में रहते हैं. जबकि आदिवासी नगा और कुकी समुदाय के लोगों की संख्या 40 प्रतिशत है. वे ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं.

ये भी पढ़ें: IRCTC के इस टूर पैकेज में सावन माह में करें ज्योतिर्लिंग के दर्शन

मणिपुर हिंसा में हुई इतनी मौतें

3 मई को जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 120 से अधिक लोगों की जान चली गई और 3, 000 से अधिक लोग इस हिंसा में घायल हो गए. गौरतलब है कि मणिपुर में बीती 3 मई को मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग के विरोध में आयोजित की गई आदिवासी एकजुटता मार्च के दौरान हिंसा भड़क गई थी. हालांकि, मणिपुर में लंबे समय तक चली हिंसा अब शांत हो गई है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Read More
Advertisement
Advertisement
पसंदीदा वीडियो
Advertisement