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Alimony: बुजुर्ग पति को 25,000 रुपये महीने दे पत्नी, पुणे की फैमली कोर्ट ने क्यों कहा?

पुणे की एक फैमिली कोर्ट ने एक 78 वर्षीय महिला को अपने 83 वर्षीय पति को मासिक गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया है.

Alimony: बुजुर्ग पति को 25,000 रुपये महीने दे पत्नी, पुणे की फैमली कोर्ट ने क्यों कहा?

सांकेतिक तस्वीर.

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डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र (Maharashtra) में पुणे (Pune) जिले की एक फैमिली कोर्ट (Family Court) ने एक महिला को निर्देश दिया है कि वह अपने पति को गुजारा भत्ता दे. चार साल से ज्यादा वक्त तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि 78 वर्षीय महिला अपने 83 वर्षीय पति को मासिक गुजारा (Pay alimony) भत्ता दे.

कोर्ट ने यह भी कहा है कि पति के पास आय का स्थायी स्रोत नहीं है इसलिए पत्नी, पति को गुजारा भत्ता दे. इस जोड़े ने 1964 में शादी की थी. साल 2018 में पति ने तलाक के लिए अर्जी दी. 

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तलाक और गुजारा भत्ता की मांग करने वाला याचिकाकर्ता एक शैक्षणिक संस्थान का निदेशक है. याचिकाकर्ता का दावा है कि उसकी पत्नी उसका लगातार उत्पीड़न कर रही थी. महिला इस शिक्षण संस्थान की अध्यक्ष है. महिला की दो बेटियां हैं जिनकी शादी हो चुकी है.

पत्नी पर पति ने लगाया है प्रताड़ना का आरोप

याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि उसकी पत्नी ने उसे संस्थान और घर छोड़ने के लिए लगातार प्रताड़ित किया. महिला के बीमार होने पर याचिकाकर्ता ने उसका खूब ख्याल रखा. जैसे ही वह ठीक हुई वह उसे फिर से प्रताड़ित करने लगी.

गंभीर बीमारी से जूझ रहा है शख्स

आदमी मधुमेह (diabetes) और हृदय रोग (heart disease) से पीड़ित है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा है कि डॉक्टर ने उसे अपने स्वास्थ्य का अच्छी तरह से ध्यान रखने की सलाह दी है. याचिकार्ता को डॉक्टरों ने सलाह दी है कि वह उचित समय पर भोजन करें और समय पर दवा लें.

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हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक शख्स का दावा है कि उसकी पत्नी ने उसे घर में खाने से मना किया था. उसके उत्पीड़न से निराश होकर, याचिकाकर्ता ने 2018 में तलाक के लिए अर्जी दी.  

किस आधार पर मिला है तलाक?

जस्टिस राघवेंद्र अराध्य ने शुक्रवार को यह फैसला सुनाया है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता वैशाली चंदाने ने कहा, 'अगर पति के पास आय का कोई स्रोत नहीं है और उसकी पत्नी कमा रही है, उनके बीच पारिवारिक विवाद चल रहा है तो पति भी हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 24 के तहत गुजारा भत्ता का दावा दायर कर सकता है.'

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