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Fadnavis से नजदीकी, फायर ब्रांड नेता, BJP के निशाने पर 2019 से ही थे एकनाथ शिंदे

एकनाथ शिंदे पर भारतीय जनता पार्टी की एक अरसे से नजर थी. शिंदे किसी वक्त उद्धव ठाकरे के सबसे करीबी नेता थे.

Fadnavis से नजदीकी, फायर ब्रांड नेता, BJP के निशाने पर 2019 से ही थे एकनाथ शिंदे

एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस. (फाइल फोटो)

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डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र (Maharashtra) की महाविकास अघाड़ी सरकार (MVA Government)गिरने की कगार पर खड़ी है. शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) महाराष्ट्र के सियासी संकट के सूत्रधार हैं. एकनाथ शिंदे की पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से वर्षों पुरानी दोस्ती जगजाहिर है. 

दोनों की पार्टी लाइन, गठबंधन टूटने के बाद अलग-अलग थी लेकिन अभी यह दोस्ती एक नए दौर से गुजर रही है. राजनीति के जानकार कहते हैं कि महाराष्ट्र के नए सियासी संकट की एक वजह देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे की दोस्ती भी है.

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साल 2015 के बाद से दोनों कैबिनेट सहयोगी की भूमिका रहे. यह सहयोग दोस्ती में धीरे-धीरे बदलता गया. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर 2019 में शिवसेना और बीजेपी ने अलग-अलग विधानसभा चुनाव लड़ा होता तो एकनाथ शिंदे ठाणे निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी के उम्मीदवार होते. हालांकि ऐसा हुआ नहीं.

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दरअसल एकनाथ शिंदे को बीजेपी अपने टिकट पर चुनाव लड़ाने वाली थी. 2014 से उलट शिवसेना और बीजेपी ने 2019 में गठबंधन की राह पकड़ी और संयुक्त रूप से चुनाव लड़ा. बाद में शिवसेना ने इस विचार को रद्द कर दिया और एकनाथ शिंदे शिवसेना के ही बैनर तले चुनाव लड़े. 

फिर क्यों बीजेपी के लिए खास हो गए हैं एकनाथ शिंदे?

एकनाथ शिंदे बीजेपी के लिए बैटिंग कर रहे हैं. वह एक अलग राजनीतिक गुट बनाने की कोशिशों में जुटे हैं. बीजेपी उन्हें ऑफर कर रही है कि अगर सरकार बनती है तो उन्हें उपमुख्यमंत्री का पद दिया जाएगा. उन्हें कैबिनेट में एक बड़ा पोर्टफोलियो दिया जाएगा. सत्ता में उनकी मजबूत हिस्सेदारी होगी. पार्टी पूरी तरह से ठाणे जिले की बागडोर भी एकनाथ शिंदे को सौंप सकती है जो एकनाथ शिंदे का होम ग्राउंड भी है.

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सरकारी आवास छोड़ चुके हैं उद्धव ठाकरे

एकनाथ शिंदे के विद्रोह की वजह से उद्धव ठाकरे ने अपना आधिकारिक आवास छोड़ दिया है. इस घटनाक्रम ने राज्य में सरकार की स्थिरता पर सवालिया निशान लगा दिया है. ठाकरे 'वर्षा' छोड़कर बांद्रा में स्थित अपने निजी आवास 'मातोश्री' में शिफ्ट हो चुके हैं. ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही उद्धव ठाकरे सरकार महाराष्ट्र की सत्ता से बाहर हो सकती है क्योंकि एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना के 35 से ज्यादा विधायक आ गए हैं.

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