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SBI को दिल्ली हाईकोर्ट की दो टूक, बैंक फ्रॉड होने पर इतने लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश, जानें पूरा मामला

दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को साइबर धोखाधड़ी में ग्राहक के नुकसान की भरपाई करने का आदेश दिया है. बैंक पर आरोप है कि उसने ग्राहक के पैसे को सुरक्षित नहीं रखा. आइए जानते हैं क्या है पूरा ममाला...

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SBI को दिल्ली हाईकोर्ट की दो टूक, बैंक फ्रॉड होने पर इतने लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश, जानें पूरा मामला

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पिछले कुछ समय में बैंक से तरह-तरह के फ्रॉड के मामले सामने आए हैं.  लगातार हो रही इस धोखाधड़ी के कारण बहुत सारे ग्राहकों ने अपनी जमा-पूंजी गवां दी. ताजा मामला भी इसी से जुड़ा है, जहां भारतीय स्टेट बैंक के एक ग्राहक के साथ फ्रॉड हो गया. अब दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को आदेश दिया है कि वह ग्राहक हरे राम सिंह को साइबर धोखाधड़ी में खोए हुए 2.6 लाख रुपये का मुआवजा दे. कोर्ट ने बैंक को इस घटना में लापरवाही और अपने ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल पाया. 

क्या है पूरा मामला 
यह मामला तब सामने आया जब हरे राम सिंह ने बैंक द्वारा उनके इंटरनेट बैंकिंग अकाउंट से बिना अनुमति के रुपये निकालने की शिकायत की. SBI ने पहले उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया और यह दावा किया कि ट्रांजैक्शन बैंक की इंटरनेट बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से OTP द्वारा मंजूर किए गए थे. बैंक ने यह भी आरोप लगाया कि सिंह ने एक फिशिंग लिंक पर क्लिक किया था, जिससे धोखाधड़ी का हमला हुआ. हालांकि, सिंह ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि उन्होंने कभी OTP साझा नहीं किया था और तुरंत बैंक को धोखाधड़ी की सूचना दी थी. 

कोर्ट ने किया SBI को दोषी
कोर्ट ने SBI की कार्यशैली पर कड़ी टिप्पणी की और कहा कि बैंक ने ग्राहक की शिकायत पर जल्द कार्रवाई नहीं की और धोखाधड़ी के संदिग्ध लेनदेन को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. जस्टिस धर्मेश शर्मा ने कहा कि यह साफ है कि बैंक की सुरक्षा प्रणाली में गंभीर खामी थी, जो साइबर धोखाधड़ी को रोकने में नाकाम रही. 

आरबीआई दिशानिर्देशों का उल्लंघन
कोर्ट ने यह भी पाया कि बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिजिटल भुगतान सुरक्षा नियंत्रणों के तहत जरूरी सुरक्षा उपायों को लागू नहीं किया था. कोर्ट ने कहा कि यह माना जाना चाहिए कि ग्राहक द्वारा नुकसान उठाने का कारण बैंक की कमजोर सुरक्षा व्यवस्था ही थी. 


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मुआवजा का आदेश
कोर्ट ने SBI को आदेश दिया कि वह सिंह को पूरी राशि 2.6 लाख रुपये का मुआवजा 9% ब्याज के साथ दे, जिसे 18 अप्रैल 2021 को धोखाधड़ी की सूचना देने के दिन से लागू किया जाएगा. इसके अतिरिक्त, बैंक को 25,000 रुपये की कानूनी खर्चे का भुगतान भी करना होगा. यह फैसला बैंकिंग संस्थाओं को साइबर सुरक्षा की अहमियत समझाने और ग्राहकों की सुरक्षा के प्रति उनकी जिम्मेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. 

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