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Delhi Election: मध्य दिल्ली की वजीरपुर विधानसभा सीट BJP के लिए बड़ी चुनौती, AAP सीट बचाने उतरेगी

वजीरपुर सीट की बात करें तो यहां पिछली दो बार से आप के उम्मीदवार जीत रहे हैं. इस सीट को BJP के लिए बड़ी चुनौती माना जा रहा है, क्योंकि पिछले चुनाव में पार्टी यहां से हार गई थी. आइए जानते हैं पूरी बात.

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Delhi Election: मध्य दिल्ली की वजीरपुर विधानसभा सीट BJP के लिए बड़ी चुनौती, AAP सीट बचाने उतरेगी
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IANS: दिल्ली चुनाव को लेकर सभी पार्टियों की ओर से तैयारियां की जा रही हैं. इसको लेकर सभी पार्टियों दिल्ली में मौजूद सेंट्रल दिल्ली की सीटें हमेशा बड़ा रोल निभाती आई है. सेंट्रल दिल्ली में मौजूद चांदनी चौक लोकसभा सीट में आने वाली सीट वजीरपुर भी इन्हीं सीटों में शामिल है. दिल्ली के विधानसभा चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सियासी उठापटक जारी है. वजीरपुर सीट की बात करें तो यहां पिछली दो बार से आप के उम्मीदवार जीत रहे हैं. वजीरपुर क्षेत्र की बात करें तो ये इलाका अपने भीड़-भाड़ वाले बाजारों की वजह से खूब मशहूर है. इस सीट को BJP के लिए बड़ी चुनौती माना जा रहा है, क्योंकि पिछले चुनाव में पार्टी यहां से हार गई थी. दिल्ली के विधानसभा चुनाव को लेकर बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला अपने चरण पर जा पहुंचा है. चुनाव में इसको लेकर खूब बाते की जा रही हैं.

पिछले चुनाव के नतीजे
वजीरपुर विधानसभा सीट की बात करें तो इस सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2020 के चुनाव में आप प्रत्याशी राजेश गुप्ता को 57,331 मतों से जीत मिली थी. उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार महेंद्र नागपाल को 11,690 वोटों से शिकस्त मिली थी. उनके खाते में 45,641 मत आए. वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे थे. हरिकिशन जिंदल को 3,501 वोट मिले. 2020 के चुनाव में कुल 1,81,241 वोटर्स में से 1,09,654 ने वोट डाले जो कि लगभग 60 प्रतिशत मतदान था. इससे पहले, 2015 के विधानसभा चुनाव में भी राजेश गुप्ता ने बीजेपी के महेंद्र नागपाल को हराया था और इस बार भी जीत का अंतर ज्यादा था. 2015 में राजेश गुप्ता को 61,208 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी के महेंद्र नागपाल को 39,164 वोट मिले थे. कांग्रेस के हरि शंकर गुप्ता को 8,371 वोट मिले थे.

वजीरपुर विधानसभा सीट का कैसा रहा है इतिहास
वजीरपुर विधानसभा सीट पर पहली बार 1993 में चुनाव हुए थे, और तब कांग्रेस के दीप चंद बंधु ने जीत हासिल की थी. उन्होंने 1998 के चुनाव में भी अपनी लगातार दूसरी जीत दर्ज की थी. हालांकि 2003 में बीजेपी ने कांग्रेस को हराते हुए यह सीट जीत ली थी. बीजेपी के मांगे राम गर्ग ने यहां से चुनाव जीता, लेकिन 2008 में उन्हें कांग्रेस के हरिशंकर गुप्ता के हाथों हार का सामना करना पड़ा. साल 2013 में आम आदमी पार्टी की एंट्री के बाद वजीरपुर की राजनीति में बदलाव आया, लेकिन उस चुनाव में आम आदमी पार्टी यहां से जीत हासिल नहीं कर पाई.

(With IANS Inputs)

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