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Krithika Reddy Murder Case: डॉक्टर कृतिका की मौत के बाद डॉक्टर महेंद्र रेड्डी ने उसके शव का पोस्टमार्टम भी नहीं होने दिया था. जिसके बाद उसके माता-पिता को शक पैदा हो हुआ.
बेंगलुरु में महिला डॉक्टर कृतिका रेड्डी की रहस्यमयी मौत की गुत्थी आखिरकार सुलझ गई है. ये हत्या किसी और ने नहीं, बल्कि उनके डॉक्टर पति महेंद्र रेड्डी ने की थी. महेंद्र रेड्डी ने सुनियोजित तरीके से कृतिका को एनेस्थीसिया के इंजेक्शन की ओवरडोज दी थी, ताकि उनकी मौत को प्राकृतिक बताया जा सके. पुलिस ने इस हत्याकांड के 6 महीने बाद आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है.
डॉ. कृतिका और डॉ. महेंद्र रेड्डी मशहूर विक्टोरिया अस्पताल में प्रैक्टिस करते थे. लेकिन महेंद्र ने कथित तौर पर अपने चिकित्सा ज्ञान का इस्तेमाल किसी की जान बचाने के लिए नहीं, बल्कि अपनी पत्नी के लिए खत्म करने के लिए किया. पुलिस का कहना है कि महेंद्र ने कृतिका को एनेस्थीसिया का ओवरडोज इंजेक्शन दिया था, जो आमतौर पर सर्जरी के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली एक बेहोश करने वाली दवा होती है, जिसके कारण 24 अप्रैल, 2025 को मराठाहल्ली के मुन्नेकोलालु स्थित उनके आवास पर उनकी मौत हो गई थी.
दरअसल, डॉक्टर दंपत्ति में बेंगलुरु के गुंजूर में रहते थे. 21 अप्रैल 2025 को कृतिका के पेट में अचानक दर्द उठा था. महेंद्र ने दवाइयां इंजेक्ट करने के लिए उसके दाहिने पैर पर कैनुला डाला और उसके माता-पिता के घर छोड़ गया. अगले दिन कृतिका ने पैर में दर्द की शिकायत की और महेंद्र से कैनुला हटाने के बारे में पूछा. लेकिन डॉ. महेंद्र ने ऐसा करने से मना कर दिया और कहा कि दर्द बढ़ने की वजह से और इंजेक्शन दिया जा सकता है.
पत्नी की मौत के बाद नहीं कराने दिया पोस्टमार्टम
उसी रात कृतिका अपने माता-पिता के साथ खाना खाकर कमरे में चली गई. महेंद्र आया तो उसने आखिरी डोज का इंजेक्शन दिया. 24 अप्रैल की सुबह लगभग 7.30 बजे महेंद्र ने अपनी सास को बताया कि कृतिका को रिएक्शन नहीं दे रही है. माता-पिता तुरंत उसको अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मौत के बाद महेंद्र ने कृतिका के शव का पोस्टमार्टम भी नहीं कराने दिया. परिजन घर ले गए और अंतिम संस्कार कर दिया.
बाद में माता-पिता को बेटी के अचानक रहस्यमय मौत पर शक हुआ. उन्होंने मराठाहल्ली पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई और जांच की मांग की. पुलिस को जांच की तो आरोपी डॉक्टर के घर से IV कैनुला और इंजेक्शन सीरिंज सहित प्रमुख साक्ष्य मिले. जिनकों फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया. महीनों बाद प्राप्त एफएसएल रिपोर्ट ने कृतिका के विसरा में प्रोपोफोल के ओवरडोज के निशान की पुष्टि की, जिससे साबित हुआ कि उसकी मौत प्राकृतिक नहीं बल्कि हत्या थी.
पुलिस ने गहनता से जांच की तो पता चला कि शादी के बाद दंपति के रिश्ते ठीक नहीं थे. सूत्रों का कहना है कि महेंद्र के अन्य महिलाओं से संबंध थे. वह अक्सर कृतिका को पैसों के लिए परेशान करता था. बीमारी का इंजेक्शन देने के बहाने उसने कृतिका को मारने की साजिश रची. पुलिस ने डॉक्टर महेंद्र रेड्डी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
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