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महिलाओं में इन 3 विटामिन्स की डिफिशियंसी होती है सबसे ज्यादा, सप्लीमेंट्स के बजाय इन चीजों से दूर होगी कमी

क्या आपको पता है 40 या 50 की उम्र के बाद महिलाओं में किन विटामिन्स की कमी शरीर में सबसे ज्यादा होती है. 3 विटामिन की कमी महिलाओं की पूरी सेहत को डाउन कर सकती है और इसे बढ़ाने के लिए किसी सप्लीमेंट्स की जरूरत नहीं. बस खानपान में कुछ सुधार करना होगा.

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महिलाओं में इन 3 विटामिन्स की डिफिशियंसी होती है सबसे ज्यादा, सप्लीमेंट्स के बजाय इन चीजों से दूर होगी कमी

महिलाओं में कौन सा विटामिन सबसे ज्यादा कम होता है

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Vitamin For Women : बढ़ती उम्र के साथ शरीर में कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं. खासकर 50 साल के बाद महिलाओं के शरीर में पोषक तत्वों की कमी बहुत बढ़ जाती है. रजोनिवृत्ति में प्रवेश करते ही महिलाओं का स्वास्थ्य अचानक बिगड़ने लगता है. हार्मोनल बदलाव के कारण विटामिन की कमी हो सकती है, जिससे हड्डियों से जुड़ी समस्याएं, थकान, कमजोरी और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं बढ़ सकती हैं.

इसलिए 40 या 50 की उम्र के बाद महिलाओं को अपने आहार में खासतौर पर विटामिन डी, विटामिन बी12 और विटामिन बी6 को शामिल करना चाहिए. अगर यह विटामिन की कमी और बढ़ जाती है, तो डॉक्टर डाइटरी सप्लीमेंट्स लेने की सलाह दे सकते हैं. आप चाहें तो अपने आहार में कुछ प्राकृतिक खाद्य पदार्थों को भी शामिल कर सकती हैं.

महिलाओं के शरीर में विटामिन की कमी 

विटामिन डी - शरीर को स्वस्थ रखने, हड्डियों को मज़बूत बनाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन डी ज़रूरी है. अगर उम्र के साथ हड्डियों की समस्याएँ बढ़ती हैं, तो यह विटामिन डी की कमी का संकेत है. विटामिन डी भोजन से कैल्शियम को हड्डियों तक पहुँचाने में मदद करता है. लंबे समय तक विटामिन डी का स्तर कम रहने से हड्डियाँ कमज़ोर हो जाती हैं, जिससे हड्डियों में फ्रैक्चर, दर्द, रिकेट्स और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. लंबे समय तक विटामिन डी का स्तर कम रहने से दिल के दौरे का खतरा भी बढ़ जाता है. इससे निपटने के लिए, रोज़ सुबह 15-20 मिनट धूप में बिताएँ. अपने आहार में गाय का दूध, फोर्टिफाइड अनाज, पनीर, अंडे, समुद्री भोजन और मशरूम शामिल करें.
 
विटामिन बी12 - 40 की उम्र के बाद महिलाओं में विटामिन बी12 का स्तर भी तेज़ी से गिरता है. शाकाहारी भोजन करने वाली महिलाओं में आमतौर पर विटामिन बी12 का स्तर काफी कम होता है. इस कमी से थकान, कमज़ोरी, नसों में दर्द और मूड स्विंग जैसी तंत्रिका संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं. इससे कब्ज, दस्त, भूख न लगना या गैस हो सकती है. शरीर में सुन्नपन और झुनझुनी भी बढ़ सकती है. विटामिन बी12 सप्लीमेंट लें और अपने आहार में टूना, साबुत अनाज, छोले, हरी सब्ज़ियाँ, पत्तेदार हरी सब्ज़ियाँ, संतरे, केले, पपीता और तरबूज शामिल करें.
 
विटामिन बी6 - विटामिन बी महिलाओं के लिए बेहद ज़रूरी है. विटामिन बी6 की कमी से त्वचा में सूजन और लालिमा हो सकती है. त्वचा पर चकत्ते पड़ सकते हैं. विटामिन बी6 की कमी से हाथ-पैरों में सुन्नपन भी आ सकता है. कभी-कभी चुभने वाला दर्द भी महसूस हो सकता है. महिलाओं में चिड़चिड़ापन, उदासी, भ्रम और खट्टी और लाल जीभ भी इसके लक्षण हैं. विटामिन बी6 की कमी को पूरा करने के लिए पालक, छोले, एवोकाडो, सैल्मन, केल और गाजर का सेवन करें.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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