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Hemophilia: क्या है हीमोफीलिया की बीमारी, जिसके इलाज में पूरी जिंदगी में खर्च हो जाते हैं 100 करोड़ से ज्यादा

Hemophilia एक ऐसी बीमारी है, जिसके इलाज में सारी जिंदगी करोड़ो रुपए खर्च हो जाते हैं लेकिन इसकी एक दवा आ गई है, जानते हैं क्या है कारण

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Hemophilia: क्या है हीमोफीलिया की बीमारी, जिसके इलाज में पूरी जिंदगी में खर्च हो जाते हैं 100 करोड़ से ज्यादा
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डीएनए हिंदी: Hemophilia Disease- हीमोफीलिया एक जेनेटिक बीमारी है, जिसमें शरीर में खून के थक्के जमना कम हो जाते हैं और एक छोटी सी चोट से ही खून बहने लगता है. हीमोफीलिया की स्थिति में शरीर में खून के थक्के (Blood Cloting) बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है. इसकी वजह से शरीर से बह रहा खून जल्दी से रुकता नहीं है. एफडीए ने हाल ही में इस बीमारी की दवा हेमजेनिक्स को मंजूरी दे दी है, यह दवा बहुत ही महंगी है. आईए जानते हैं क्या है इस बीमारी के कारण, लक्षण और कैसे अगर कोई दवा की डोज नहीं ले पाता है तब भी इसका इलाज कर सके  

कैसी है यह बीमारी, कारण

हीमोफीलिया का सबसे आम लक्षण है (Bleeding) अनियंत्रित खून का बहना. इस बीमारी से कोई भी पीड़ित हो सकता है अमेरिका में इस बीमारी से लाखों लोग पीड़ित हैं. पुरुष, महिला या फिर छोटा बच्चा कोई भी इस बीमारी से पीड़ित हो सकता है. इसे एक तरह की आनुवांशिक बीमारी कहा जाता है जो खून में थाम्ब्रोप्लास्टिन या क्लॉटिंग फैक्टर की कमी की वजह से होती है. जब शरीर से खून बहता है तब रक्त से जुड़ी कोशिकाएं ब्लड क्लॉट बनाकर खून के बहाव को रोकती हैं लेकिन जब इस क्लॉटिंग फैक्टर में कमी आती है तब ये हीमोफीलिया का कारण बन सकती हैं. अधिकतर लोगों को यह समस्या माता पिता से होती है लेकिन कुछ मामलों में मरीज के जींस में कुछ ऐसे परिवर्तन हो जाते हैं जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है. क्लॉटिंग फैक्टर एक तरह का प्रोटीन (Protein) होता है,जो ब्लीडिंग कंट्रोल करने में खास भूमिका निभाता है. यह बीमारी कई प्रकार की होती है जिसमें हीमोफिलिया ए और बी शामिल है. 

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हेमजेनिक्स क्या है

एफडीए ने हाल ही में इस बीमारी की दवा को मंजूरी दे दी है, इसकी एक डोज 28 करोड़ के आस-पास है, जो काफी महंगी है लेकिन जो लोग इस बीमारी के साथ पूरी जिंदगी बिताते हैं उनकी पूरी जिंदगी इसके इलाज में खत्म हो जाती है, उसका खर्चा दवा के डोज से भी ज्यादा है. अमेरिका के बारे में कहा जाता है कि वहां हीमोफीलिया-बी से पीड़ित इंसान के इलाज में 171 से 187 करोड़ रुपये खर्च हो जाते हैं, ऐसे में यह दवा सस्ती ही है.

कैसे करें इलाज 

खून में जिस क्लॉटिंग फैक्टर की कमी होती है उसे सुई के जरिये खून में पहुंचाया जाता है. चोट की जगह पर पर्याप्त क्लॉटिंग फैक्टर पहुंचते ही खून बहना बंद हो जाता है. जल्द से जल्द इलाज से दर्द कम करने और जोड़ों, मांसपेशियों और अंगों को होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है. हीमोफीलिया का इलाज पूरी तरह से नहीं होता है लेकिन जीन और रीप्लेसमेंट थैरेपी से काफी हद तक इसका इलाज होता है. मरीज के शरीर में क्लॉटिंग फैक्टर रिप्लेसमेंट कराते रहना चाहिए, जिससे चोट या अन्य स्थिति में खून का थक्का जम सके

यह भी पढ़ें- बच्चे को हीमोफीलिया हो गई है, कारण, लक्षण और इलाज कैसे करें 

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