Twitter
Advertisement
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

New Corona Variant: तेजी से फैल रहा कोरोना का नया XEC वेरिएंट, 27 देशों में मिले मरीज, क्या फिर दिखेगा 2020 जैसा खौफनाक नजारा?

New Corona Variant: कोरोना महामारी का असर भले ही अब पहले जैसा खौफनाक नहीं रहा है, लेकिन इसके नए वेरिएंट लगातार खतरा पैदा कर रहे हैं. नया XEC वेरिएंट बेहद संक्रामक बताया जा रहा है, जो ओमिक्रॉन के दो सब-वेरिएंट KS.1.1 और KP.3.3 का हाइब्रिड वर्जन है.

Latest News
New Corona Variant: तेजी से फैल रहा कोरोना का नया XEC वेरिएंट, 27 देशों में मिले मरीज, क्या फिर दिखेगा 2020 जैसा खौफनाक नजारा?
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

New Corona Variant: कोरोना महामारी का साल 2020 और 2021 का दौर यदि आपके याद होगा तो आप आज भी खौफ से सिहर जाते होंगे. लॉकडाउन और फिर उसके बाद हर तरफ लाशों की तादाद ने सभी को डरा दिया था. पिछले दो साल में कोरोना वायरस (Corona Virus) पहले जैसा खतरनाक नहीं रह गया है, लेकिन अब एक नई खबर ने दोबारा उस खौफ की याद दिमाग में ताजा कर दी है. दरअसल साइंटिफिक कम्युनिटी ने दावा किया है कि कोरोना वायरस का एक नया वेरिएंट सामने आया है, जो बहुत ही ज्यादा संक्रामक साबित हो रहा है. इसे XEC Variant नाम दिया गया है, जो कोरोना वायरस के एक संक्रामक वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के ही दो सब-वेरिएंट KS.1.1 और KP.3.3 के मिलने से बना है यानी इन दोनों सब-वेरिएंट का हाइब्रिड वर्जन है. यह वायरस बेहद तेजी से दुनिया में फैल रहा है और अब तक इसके मरीज 27 देशों में मिल चुके हैं. वैज्ञानिकों ने एक डरावनी चेतावनी दी है कि XEC वेरिएंट कोरोना के अब तक सामने आए सभी वेरिएंट में सबसे घातक साबित हो सकता है.

जर्मनी में मिला था सबसे पहले XEC वेरिएंट

XEC वेरिएंट सबसे पहले जून में जर्मनी में मिला था. इस वेरिएंट की संक्रमित करने की ताकत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जर्मनी में मिलने के बाद इसके केस तेजी से सभी देशों में मिलने लगे हैं. अमेरिका, ब्रिटेन, डेनमार्क और अन्य यूरोपीय देशों में लिए गए सैंपल्स में यह वेरिएंट मौजूद मिला है. जून से सितंबर तक यह करीब 27 देशों में फैल चुका है. फिलहाल जर्मनी और डेनमार्क में मिलने वाले नए कोरोना केस में 16-17 फीसदी और ब्रिटेन-नीदरलैंड में मिलने वाले केसेज में करीब 11-12 फीसदी हिस्सेदारी इस नए वेरिएंट की है. 

क्यों ज्यादा घातक मान रहे हैं वैज्ञानिक

वैज्ञानिकों के मुताबिक, जब कोरोना वायरस अपनी पीक पर पहुंच जाता है तो यह नए वेरिएंट बनाने लगता है ताकि संक्रमण के खिलाफ बनी प्रतिरोधक शक्ति को पार कर सके. वैज्ञानिकों ने अब तक हुई रिसर्च के बाद यह अंदाजा जारी किया है कि XEC वेरिएंट उन कई वेरिएंट्स में लगातार म्यूटेशन के बाद उनके आपस में मिलने से बना है, जो कोरोना महामारी की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार साबित हुए थे. इनमें डेल्टा वेरिएंट भी शामिल है, जिसके चलते कोरोना महामारी की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा मौत हुई थीं. बता दें कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर ही ज्यादा घातक साबित हुई थी, जिसमें सबसे ज्यादा लोग मौत का शिकार हुए थे.

क्या है राहत की बात

वैज्ञानिकों ने यह भी बताया है कि फिलहाल मौजूद कोविड-19 वैक्सीन्स का असर XEC वेरिएंट के कारण होने वाले वायरल इंफेक्शन को रोकने में प्रभावी साबित हुआ है. लंदन के यूनिवर्सिटी कॉलेज के जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर फ्रैंकोस बालोउक्स के हवाले से BBC ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भले ही XEC के पास मौजूदा कोविड वेरिएंट्स के मुकाबले थोड़ा ज्यादा संक्रमण फैलाने की एडवांटेज है, लेकिन मौजूदा वैक्सीन अब भी बढ़िया प्रोटेक्शन दे रही हैं. इसके उलट कैलिफोर्निया के स्क्रिप्स रिसर्च ट्रांसलेशनल इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर एरिक टोपोल के हवाले से लॉस एंजेलिस टाइम्स ने कहा कि XEC का संक्रमण फिलहाल शुरू ही हुआ है. यह किसी लहर का कारण बनेगा या नहीं, यह जांचने में अभी कई सप्ताह, कई महीने लग सकते हैं.

क्या हैं नए वेरिएंट के लक्षण

कोरोना के नए वेरिएंट XEC के लक्षण भी पुराने कोरोना वेरिएंट्स के जैसे ही हैं. इस वेरिएंट का संक्रमण होने पर बुखार, सर्दी, थकान, गले में खराश, खांसी और शरीर में तेज दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं. इसके अलावा सांस लेने में दिक्कत, स्वाद-सुगंध का गायब होना, उल्टी, डायरिया और सिरदर्द जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं. 

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement