सेहत
Japan Epidemic: आमतौर पर जापान में नवंबर के आखिर या दिसंबर से फ्लू का मौसम शुरू होता है. पर इस साल इसका प्रकोप लगभग 5 हफ्ते पहले ही आ गया है, जिससे आम लोग और हेल्थ एक्सपर्ट्स चिंतित हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि यह वायरस समय से पहले से कहीं ज्यादा तेजी से विकसित हो रहा है, आसानी से फैल भी रहा है...
Japan Epidemic: जापान में फ्लू को देशव्यापी इन्फ्लूएंजा माहामारी घोषित कर दिया गया है और इस कारण पब्लिक हेल्थ सिस्टम पर काफी दवाब बढ़ गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 4000 से ज्यादा लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. एक्सपर्ट का कहना है कि यह वायरस पहले से कहीं ज्यादा तेजी से विकसित हो रहा है, आसानी से फैल भी रहा है.
बताया जा रहा है कि आमतौर पर जापान में नवंबर के आखिर या दिसंबर से फ्लू का मौसम शुरू होता है. पर इस साल इसका प्रकोप लगभग 5 हफ्ते पहले ही आ गया है, जिससे आम लोग और हेल्थ एक्सपर्ट्स चिंतित हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स पर नजर डालें तो इससे साफ होता है कि जापान में इन दिनों हालात कमोबेश कुछ वैसे ही हैं जैसे कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन में था. एक्सपर्ट्स के मुताबिक जापान में फैल रही ये बीमारी कोई नई नहीं है, जापान में फ्लू हर साल फैलता है पर विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल इसके मामले मौसम की अपेक्षा से पांच सप्ताह पहले ही दिख रहे हैं. इसकी वजह से स्वास्थ्य सेवाओं पर अतिरिक्त दवाब बढ़ गया है. इसकी वजह से सेहत को लेकर कई चुनौतियां भी देखी जा रही हैं.
इससे बचाव के लिए टीकाकरण, मास्क पहनना, नियमित रूप से हाथ धोना और संक्रमण को फैलने से रोकने जैसी सामान्य सावधानियों की सलाह दी गई है. इसके अलावा बुजुर्गों, बच्चों और पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त लोगों सहित संवेदनशील आबादी से तुरंत टीका लगवाने का आग्रह किया जा रहा है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक ज्यादातर स्वस्थ व्यक्तियों के लिए, फ्लू अप्रिय हो सकता है पर खतरनाक नहीं. ऐसी स्थिति में संवेदनशील समूहों के लिए, जल्दी टीकाकरण महत्वपूर्ण है.
भारत में इस वक्त मौसम बदल रहा है और फ्लू के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं, क्योंकि हर साल अक्टूबर-नवंबर में फ्लू तेजी से फैलता है. ऐसे में जैसे-जैसे ठंडी हवाएं शुरू होंगी और इम्यून सिस्टम कमजोर होगा वैसे ही फ्लू का कहर बढ़ने लगता है. हालांकि भारत में फिलहाल जापान जैसी स्थिति नहीं है, लेकिन फ्लू से बचने की जरूरत है.
इसके लिए फ्लू वैक्सीन लगवाएं, हाथों की सफाई रखें, फेस मास्क का इस्तेमाल करें और संक्रमित व्यक्तियों से दूरी रखें. बुजुर्ग, छोटे बच्चे और पहले से बीमार लोगों को इसका खतरा ज्यादा होता है. ऐसे लोग ज्यादा सावधानी बरतें.
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