Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Hole in Heart: दिल मे छेद होने पर दिखते हैं ये 7 लक्षण, हार्ट डिजीज का है ये शुरुआती संकेत

दिल में छेद होना (Hole in Heart) हार्ट की सबसे गंभीर बीमारियों में से एक (Serious Diseases of Heart) मानी जाती है. शिुश या बच्‍चे (Inborn Child) में जन्‍मजात छेद भी होते है और कई बार फेफड़ों में बार-बार इंफेक्‍शन (Frequent Infection in Lungs) के कारण भी अचानक से छेद हो जाता है.

Latest News
Hole in Heart: दिल मे छेद होने पर दिखते हैं ये 7 लक्षण, हार्ट डिजीज का है ये शुरुआती संकेत


दिल मे छेद होने पर दिखते हैं ये 7 लक्षण

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: कम उम्र में तेजी से हार्ट अटैक या दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ने लगा है. क्‍या आपको पता है कि दिल में छेद का पता कई बार कई साल बाद पता चलता है. लेकिन ऐसा नहीं है कि इसके संकेत शरीर को नहीं मिलते. 
कई बार नवजात शिशुओं में दिल में छेद होता है और आप अगर समय रहते उनका इलाज करा लें तो उनकी जान बच सकती है.

वहीं कई बार दिल में छेद के लक्षणों को लोग तब तक नजरअंदाज करते हैं, जब तक उससे परेशानी बहुत न हो जाए. 
यहां आपको दिल में छेद होने के कारण, लक्षण और उपचार से जुड़ी पूरी जानकारी दे रहे है. अगर आपके बच्‍चे या घर में किसी में ऐसे लक्षण नजर आएं तो तुरंत कार्डियोलॉजिस्‍ट से संपर्क करें.  

यह भी पढ़ें: Heart Disease: पैरों की हालत बता देगी दिल का हाल, ऐसे पहचानें अ‍टैक के खतरे को

क्या है दिल में छेद होना?
दिल में छेद होना एक गंभीर बीमारी है और इसका तत्‍काल इलाज जरूरी है. असल में दिल में छेद का मतलब है कि हार्ट के ऊपरी दो कक्षों के बीच की दीवार में छेद हो जाना. इसी छेद के कारण ब्‍लड एक चैम्बर से दूसरे में अनावश्यक रूप से लीकजे होता है. इसके कारण हार्ट सही तरीके से काम नहीं कर पाता. हालांकि जन्म से पहले ही अल्ट्रासाउंड के जरिये ही यह पता चल जाता है कि गर्भस्‍थ‍ शिशु को दिल में छेद लेकिन तभी जब यह बड़ा हो, लेकिन कई बार छोटा छेद पकड़ में नहीं आता है. ऐसे में पेरेंट्स को बच्चों के अंदर निम्‍न में से कोई भी लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्‍टर से संपर्क करना चाहिए. 

यह भी पढ़ें: 8 घंटे लगातार बैठकर काम करने वालों में ​Heart से लेकर Arthritis तक का खतरा

​दिल में छेद होने के 5 शुरुआती लक्षण
1. शिशु के शरीर का तापमान हमेशा ज्‍यादा रहता है. कई बार गर्मी में भी कंपकपी भी दिख सकती है. 
2. मिल्‍कफीड के शिशु का रोना या सांस लेने में तकलीफ महसूस होना
3. अचानक से तेज पसीना आना या बेहवजह ही थकावट महसूस करना 
4. बार बार फेफड़ों के संक्रमण का होना
5. वजन धीमी गति से बढ़ना
6.होंठ के आसपास नीला पड़ना या शरीर का पीला होना
7.बोलते समय भी सांस फूलना या शिशु का असहज रहना

​दिल में छेद का पता लगने पर क्या करें?
यदि आपको उपरोक्त बताए गए लक्षण अपने बच्चे में दिखते हैं तो आपको बिना देरी किए डॉक्टर से मिलना चाहिए. कई बच्चों में जन्मजात हृदय दोष होते हैं और जागरूकता की कमी के कारण सही समय पर उपचार लेने में विफल रहते हैं. इसलिए, माता-पिता को लक्षणों पर नजर रखनी चाहिए और डॉक्टर द्वारा अनुशंसित परीक्षणों का चयन करना चाहिए. डॉक्टर ऐसी स्थिति में बच्चे की सर्जरी कर सकते हैं. जिसमें कुछ हफ्तों से लेकर महीनों तक का समय लग सकता है.

Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर   

Advertisement

Live tv

Advertisement
Advertisement