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कौन थे भारत के पहले IPS अधिकारी? महाभारत का इंग्लिश में किया था अनुवाद, ऑक्सफोर्ड से की थी पढ़ाई

क्या आप जानते हैं कि भारत का पहला आईपीएस अधिकारी कौन था और अपने कार्यकाल के दौरान वह किन बड़े पदों पर रहे? जानें उन्होंने कहां से की थी पढ़ाई

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कौन थे भारत के पहले IPS अधिकारी? महाभारत का इंग्लिश में किया था अनुवाद, ऑक्सफोर्ड से की थी पढ़ाई

IPS C.V. Narasimhan

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संघ लोक सेवा आयोग UPSC IAS, IPS, IFS और अन्य प्रतिष्ठित पदों के लिए उम्मीदवारों की भर्ती के लिए सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है. परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है: प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार. प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवार मुख्य परीक्षा में आगे बढ़ते हैं और मुख्य परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए आमंत्रित किया जाता है.

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आईपीएस अधिकारियों की भर्ती संघ लोक सेवा आयोग सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से करता है. वे कठोर प्रशिक्षण से गुजरते हैं और जिला पुलिस प्रमुखों, खुफिया अधिकारियों और केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों जैसे कई पदों पर काम करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का पहला आईपीएस अधिकारी कौन था?

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सी.वी. नरसिम्हन थे भारत के पहले आईपीएस
सी.वी. नरसिम्हन को भारत के पहले आई.पी.एस. अधिकारी होने का गौरव प्राप्त है. उन्होंने 1948 में यह पद संभाला और भारतीय पुलिस सेवा के अग्रदूत बने. 21 मई 1915 को मद्रास प्रेसीडेंसी(अब तमिलनाडु) में जन्मे नरसिम्हन ने भावी आईपीएस अधिकारियों के लिए मार्ग प्रशस्त किया. आईपीएस सीवी नरसिम्हन की स्कूलिंग तिरुचि के सेंट जोसेफ स्कूल से हुई थी. इसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से आगे की पढ़ाई की थी. साल 1968 में उन्होंने महाभारत का अंग्रेजी में अनुवाद भी किया था.

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1947 में भारत की आज़ादी के बाद ब्रिटिश काल की शाही पुलिस का पुनर्गठन किया गया और इसका नाम बदलकर भारतीय पुलिस सेवा (IPS) कर दिया गया. ABP रिपोर्ट के अनुसार भारतीय पुलिस सेवा (IPS) की स्थापना 1948 में भारतीय प्रशासनिक सेवाओं की एक शाखा के रूप में की गई थी. इसके मुख्य उद्देश्यों में कानून और व्यवस्था बनाए रखना, अपराधों की जांच करना, आपराधिक गतिविधियों को रोकना और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल है.

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करियर में किन पदों पर रहे आईपीएस नरसिम्हन
पुलिस बल में अपने 35 साल के करियर के दौरान नरसिम्हन ने कई प्रमुख भूमिकाएं निभाईं जिनमें केंद्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक, राष्ट्रीय पुलिस आयोग के सदस्य सचिव और सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय के निदेशक के पद शामिल रहे. द हिंदू की 2015 की एक रिपोर्ट के अनुसार 1974 में नरसिम्हन गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर नियुक्त होने वाले पहले आईपीएस अधिकारी बने. इससे पहले यह पद पारंपरिक रूप से आईएएस अधिकारियों के लिए आरक्षित था. नरसिम्हन को 1964 में उनकी सेवा के लिए पुलिस पदक तथा 1972 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था.

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