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यूपी बोर्ड ने 2025 की परीक्षाओं को नकलविहीन बनाने के लिए अभी से ही मुस्तैदी कर ली है. जानें किन दो मोर्चों पर काम कर रहा बोर्ड...
यूपी बोर्ड 2025 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं नकलविहीन और निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने के लिए दो मोर्चों पर काम कर रहा है. एक तरफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल कर परीक्षा केंद्रों के स्ट्रांग रूम में प्रश्नपत्रों की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी. वहीं दूसरी तरफ परीक्षा केंद्र के तौर पर गैर सहायता प्राप्त विद्यालयों की संख्या कम कर दी गई है, जबकि सरकारी और सहायता प्राप्त विद्यालयों की संख्या बढ़ा दी गई है.
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यूपी बोर्ड के सचिव ने क्या बताया
यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने 2024 की तुलना में 2025 के लिए 1,015 कम गैर सहायता प्राप्त विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाने का प्रस्ताव दिया है. 2025 की परीक्षा के लिए यूपी बोर्ड ने 7,657 परीक्षा केंद्र प्रस्तावित कर सूची जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआईओएस) को भेज दी है. इनमें 940 सरकारी विद्यालय और 3,512 सहायता प्राप्त विद्यालय हैं, जो पिछले साल से ज्यादा हैं. इसके उलट 3,205 गैर सहायता प्राप्त विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाने का प्रस्ताव दिया गया है.
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2025 एग्जाम के लिए इतने स्टूडेंट्स ने करवाया रजिस्ट्रेशन
2025 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए कुल 27,40,151 हाई स्कूल के छात्र और 26,98,446 इंटरमीडिएट के छात्र पंजीकृत हैं , यानी कुल 54,38,597 छात्र अगले साल की बोर्ड परीक्षा में बैठेंगे. इसकी तुलना में 2024 की परीक्षाओं के लिए 55,25,308 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था जो 8,265 केंद्रों पर आयोजित की गई थी. इन परीक्षा केंद्रों में 566 सरकारी स्कूल, 3,479 सहायता प्राप्त स्कूल और 4,220 गैर-सहायता प्राप्त स्कूल शामिल थे. परीक्षा केंद्रों के रूप में गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों की संख्या में कमी से परीक्षाओं के दौरान निगरानी बढ़ाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा यूपी बोर्ड एआई तकनीक का उपयोग करके प्रश्नपत्रों को स्ट्रांग रूम में सुरक्षित करने के अंतिम चरण में है.
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