Advertisement

Modi Surname Case: राहुल गांधी की सजा पर नहीं लगेगी रोक, सूरत कोर्ट से झटका, अब उनके पास क्या हैं कानूनी विकल्प?

राहुल गांधी ने सूरत कोर्ट से गुहार लगाई थी कि उनकी सजा रद्द कर दी जाए. कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है.

Modi Surname Case: राहुल गांधी की सजा पर नहीं लगेगी रोक, सूरत कोर्ट से झटका, अब उनके पास क्या हैं कानूनी विकल्प?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी. (फोटो- Twitter/Congress)

Add DNA as a Preferred Source

डीएनए हिंदी: गुजरात में सूरत की एक अदालत ने मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी की सजा के खिलाफ दायर एक याचिका को खारिज कर दिया है. राहुल गांधी ने मांग की थी कि उनकी सजा रद्द कर दी जाए. कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के दौरान ही कहा कि यह याचिका खारिज की जा रही है. 

एडिशनल सेशन जज आरपी मोगेरा की कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान कहा कि यह केस खारिज किया जाता है. अब उन्हें इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख करना होगा. फिलहाल राहुल गांधी सांसद पद पर बहाल नहीं हो रहे हैं.

अब राहुल गांधी के पास क्या हैं विकल्प?

सूरत सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ अब राहुल गांधी हाई कोर्ट का रुख कर सकते हैं. कोर्ट ने सजा पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी है. अब राहुल गांधी हाई  कोर्ट में इस आदेश के खिलाफ अपील दायर कर सकते हैं. अगर हाई कोर्ट इस फैसले पर रोक लगाता है तो ऐसा हो सकता है कि उनकी सांसदी बहाल हो जाए.

इसे भी पढ़ें- Modi surname Case: सूरत कोर्ट से राहुल गांधी को बड़ा झटका, अर्जी खारिज, सजा पर नहीं लगेगी रोक

ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल की सदस्यता फिर से बहाल हुई थी. उन्हें हत्या के प्रयास के एक मामले में लोअर कोर्ट ने दोषी माना था, जिसके बाद 10 साल की सजा हुई थी. केरल हाई कोर्ट में उन्होंने फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी, जिसमें अदालत ने बड़ी राहत दी थी. फैसले पर रोक लगा दी थी. अब राहुल गांधी के पास यही अधिकार बचे हैं.

किस कानून के तहत राहुल गांधी ने गंवाई सांसदी?

लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा. अधिसूचना में कहा गया है कि राहुल गांधी को संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया गया है. राहुल गांधी को अगर हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो वह 8 साल तक चुनवा भी नहीं लड़ सकते हैं.

इसे भी पढ़ें- India Population 2023: चीन को पछाड़कर भारत कैसे बना दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश? जानिए वजह

क्या था राहुल गांधी का बयान?

राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को एक चुनावी रैली के दौरान कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? उनके इस बयान के खिलाफ देशभर के बीजेपी कार्यकर्ताओं में आक्रोश देखने को मिला था.

राहुल गांधी के खिलाफ किसने दर्ज कराई थी शिकायत?

राहुल गांधी के इस बयान के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व विधायक पूर्णेश मोदी ने एक FIR दर्ज कराई थी थी. उन पर आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया गया था. राहुल गांधी के खिलाफ 23 मार्च को सूरत की एक अदालत ने केस दर्ज कराया था. 

सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को साल के कारावास की सजा सुनाई थी. राहुल गांधी ने इस फैसले पर रोक लगाने के लिए सूरत की अदालत में याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

Read More
Advertisement
Advertisement
पसंदीदा वीडियो
Advertisement