देश के होने वाले चीफ जस्टिस यूयू ललित कौन हैं, क्या है बाबरी मस्जिद से उनका संबंध

कुलदीप पंवार | Updated:Aug 05, 2022, 06:24 AM IST

इस महीने की 27 तारीख को Justice UU Lalit सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ लेंगे. इसी के साथ वे देश के 49वें चीफ जस्टिस बन जाएंगे.

डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा चीफ जस्टिस एनवी रमना इसी महीने रिटायर होने जा रहे हैं. ऐसे में उनका स्थान लेने वाले यानी फ्यूचर चीफ जस्टिस का नाम घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसके लिए केंद्रीय लॉ मिनिस्ट्री ने बुधवार को चीफ जस्टिस रमना से उनके उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश मांगी थी. गुरुवार को चीफ जस्टिस ने जस्टिस यूयू ललित (Justice UU Lalit) के नाम की सिफारिश सरकार को भेज दी है. 

जस्टिस ललित का नाम सामने आते ही एक बार फिर बाबरी मस्जिद ध्वस्तीकरण याद आने लगा है. आखिर क्या कारण है इस चर्चा का और क्यों जस्टिस ललित का नाम लेकर उत्तर प्रदेश के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (Kalyan Singh) याद किए जा रहे हैं, इसका जवाब जानने की कोशिश करते हैं.

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1992 में हुआ था बाबरी मस्जिद विध्वंस, कल्याण सिंह थे मुख्यमंत्री

अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) तोड़कर बनाई गई बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) को साल 1992 में हिंदू कारसेवकों की आक्रोशित भीड़ ने ध्वस्त कर दिया था. उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ही थे. इससे जुड़े एक आपराधिक मुकदमे में कल्याण सिंह को भी आरोपी बनाया गया था. उस समय जस्टिस उदय उमेश ललित (Justice Uday Umesh Lalit) यानी यूयू ललित वकील के तौर पर पैरवी करते थे. साल 1997 में जस्टिस ललित कल्याण सिंह के वकील के तौर पर अदालत में पेश हुए थे.

2019 में उठाया गया उनके वकालत करने का मुद्दा

बाबरी मस्जिद की जगह राम मंदिर बनाए जाने के लेकर चल रहे मुकदमे की सुनवाई साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की सांविधानिक पीठ को सौंपी गई थी. इन 5 जजों में से एक जस्टिस यूयू ललित भी थे. उनकी पीठ में मौजूदगी पर मुस्लिम पक्ष के वकील एडवोकेट राजीव धवन (Rajeev Dhawan) ने आपत्ति जताई थी. उन्होंने बाबरी मस्जिद से जुड़े केस में ही जस्टिस ललित के वकील के तौर पर पेश होने की बात कहते हुए आपत्ति दी थी. इसके बाद जस्टिस ललित ने खुद को सांविधानिक पीठ से अलग कर लिया था. 

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महज 73 दिन के लिए बनेंगे चीफ जस्टिस

जस्टिस यूयू ललित आगामाी 27 अगस्त को मौजूदा चीफ जस्टिस एनवी रमना के रिटायर होने पर उनकी जगह लेंगे. वह देश के 49वें चीफ जस्टिस बनेंगे. वे 8 नवंबर तक इस पर रहेंगे यानी उनका चीफ जस्टिस के तौर पर कार्यकाल महज 73 दिन का ही होगा. 

अब जानिए जस्टिस ललित से जुड़ी कुछ खास बातें

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कई अहम मामलों में रहे वकील

वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट जज बनने वाले दूसरे चीफ जस्टिस

जस्टिस ललित देश के महज दूसरे ऐसे चीफ जस्टिस बनेंगे, जो वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे. उनसे पहले जस्टिस एसएम सिकरी फरवरी, 1964 में वकालत से सीधे सुप्रीम कोर्ट में जज बने. सिकरी जनवरी, 1971 में देश के 13वें चीफ जस्टिस चुने गए थे.

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कुछ अहम केस, जिनके फैसलों से जुड़े रहे

73 दिन में कुछ बदलने की तैयारी

जस्टिस यूयू ललित ने चीफ जस्टिस बनने से पहले ही दिखा दिया है कि वे अपने 73 दिन के छोटे से कार्यकाल में कुछ बदलने आए हैं. वे पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का समय 10 बजे के बजाय 9.30 बजे से शुरू करने का सुझाव दे चुके हैं. उन्होंने कहा था कि जब स्कूल जाने वाले बच्चे सुबह 7 बजे स्कूल जा सकते हैं तो जज और वकील जल्दी काम क्यों नहीं शुरू कर सकते.

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