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Supertech Twin Towers: ऊंची-ऊंची इमारतें कैसे पल भर में हो जाती हैं धराशायी, समझिए साइंस

इमारतों को गिराने के लिए विस्फोटकों का इस्तेमाल, टाइमिंग और इंजीनियरिंग का कॉम्बिनेशन ऐसा होता है कि न तो अगल-बगल की किसी बिल्डिंग को नुकसान पहुंचे और न ही किसी दूसरी बिल्डिंग पर ये बिल्डिंग जा गिरे.

नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावर (Supertech Twin Tower) इन दिनों काफी चर्चा में हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन दोनों टावरों को 28 तारीख को गिराया जाना है. नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे (Noida-Greater Noida Expressway) पर बनी ये 40 मंजिला इमारतें सिर्फ़ 8 से 10 सेकंड में ढहा दी जाएंगी. इस काम को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए इंजीनियरों और अन्य कर्मचारियों की एक लंबी-चौड़ी टीम लगातार काम कर रही है. हर दिन लगभग 200 किलोग्राम विस्फोटक लगाया जा रहा है. बिल्डिंग को गिराने के लिए लगभग 3,700 किलो विस्फोटक लगाए जाएंगे ताकि बिल्डिंग गिरने से आसपास की इमारतों को नुकसान न पहुंचे.

1.कैसे गिराए जाएंगे Supertech Twin Tower

कैसे गिराए जाएंगे Supertech Twin Tower
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जिस दिन बिल्डिंग गिराई जाएगी उस दिन एक्सप्रेस-वे पर कुछ देर के लिए ट्रैफिक बंद रहेगा. इसके अलावा, आसपास की बिल्डिंग में रहने वाले लोगों को भी कहा गया है कि वे दिनभर के लिए अपने घर खाली कर दें. साथ ही, फायर ब्रिगेड, पुलिस, स्थानीय प्रशासन और मेडिकल टीम को भी स्टैंडबाय पर रखा जाएगा, ताकि किसी भी दुर्घटना की स्थिति होने पर नुकसान को कम से कम किया जा सके. आइए समझते हैं कि आखिर बिल्डिंग को कैसे इतनी आसानी से ढहा दिया जाता है कि बगल की इमारतों को कोई नुकसान नहीं होता.
 



2.कैसे होती है बिल्डिंग गिराने की तैयारी?

कैसे होती है बिल्डिंग गिराने की तैयारी?
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सुपरटेक के इन दो टावरों को गिराने के काम Edifice इंजीनियरिंग और दक्षिण अफ्रीका की जेट डिमोलिशन मिलकर कर रही हैं. जेट डिमोलिशन इन दोनों इमारतों में ड्रिलिंग कर रही है ताकि गिराए जाने पर वहां मलबे का पहाड़ न बन जाए. आपको बता दें कि किसी भी ऊंची इमारत को गिराने से पहले बाकायदा पूरी प्लानिंग की जाती है. हर जोखिम, संभावना, आशंका और संभावित नुकसान का हिसाब-किताब लगाया जाता है. ऐसा इसलिए ज़रूरी होता है कि क्योंकि आमतौर पर हर बिल्डिंग के पास दूसरी बिल्डिंग ज़रूर होती है और इस बात का ध्यान रखना होता है कि एक बिल्डिंग गिराने से दूसरी को कोई नुकसान न पहुंचे.



3.Implosion से गिराते हैं बिल्डिंग

Implosion से गिराते हैं बिल्डिंग
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इन दो इमारतों को गिराने के लिए जिस तरीके का इस्तेमाल किया जा रहा है उसे Implosion कहा जाता है. इस तरीके का इस्तेमाल तब किया जाता है जब यह कोशिश की जा रही हो कि बिल्डिंग को गिराने पर उसका मलबा बाहर गिरने के बजाय अंदर की ओर ही गिरे और सबकुछ उतनी ही दूरी में सिमट जाए जितनी दूरी में इमारत है. इमारतों को गिराने के लिए विस्फोटक पदार्थों और डेटोनेटर की ज़रूरत होती है लेकिन ये फिल्मों की तरह नहीं होता कि बस बम लगाए और बटन दबाकर धमाका कर दिया.



4.क्या कारण है कि दूसरी बिल्डिंग पर नहीं गिर जाती ये बिल्डिंग

क्या कारण है कि दूसरी बिल्डिंग पर नहीं गिर जाती ये बिल्डिंग
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यहां पर बिल्डिंग के गुरुत्वाकर्षण की भी बेहद अहम भूमिका होता है. गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से ही इमारत ठीक उसी तरह से गिरती है जिस तरह की योजना बनाई गई होती है. इसके लिए इंजीनियरों की टीम बिल्डिंग के कुछ-कुछ हिस्सों को इस तरह से तोड़ देती है कि धमाका करने पर यह बिल्डिंग अपने ही ऊपर गिर पड़े. ऐसा करने के लिए ऊपर से नीचे तक ऐसे पॉइंट चुने जाते हैं जिन पर बिल्डिंग का पूरा भार टिका होता है.



5.कमाल की है टेक्नोलॉजी

कमाल की है टेक्नोलॉजी
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बिल्डिंग के बीम, कॉलम और स्लैब को चिह्नित करके उसी के हिसाब से विस्फोटक लगाए जाते हैं. सबसे पहले निचले हिस्से में धमाका किया जाता है. इसके बाद नीचे से ऊपर की ओर धमाका होता जाता है और बिल्डिंग के फ्लोर एक के ऊपर एक गिरते जाते हैं. इस तरह गिरने के बावजूद मलबा ज्यादा असरदार नहीं होता क्योंकि ऊपर की मंजिलें भी विस्फोट से ध्वस्त हो चुकी होती हैं. 



6.खाली कराए जा रहे घर

खाली कराए जा रहे घर
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इतनी ऊंची इमारत गिराने पर ढेर सारा मलबा, कॉन्क्रीट जमा हो जाएगा और धूल उड़ेगी. इससे आसपास की इमारतों को नुकसान पहुंच सकता है और अगल-बगल रह रहे लोगों को भी समस्या हो सकती है. इसी तरह की समस्याओं से लोगों को बचाने के लिए आसपास की चार इमारतों को जियोटेक्सटाइल फैब्रिक से कवर किया जा रहा है. लोगों को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के लिए आसपास की सोसायटी में रह रहे तकरीबन 5000 लोगों को अपने घर खाली करने और लगभग 1,200 गाड़ियों को दूर पार्क करने को कहा जा रहा है.



7. हाई अलर्ट पर होगा प्रशासन

 हाई अलर्ट पर होगा प्रशासन
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28 अगस्त को दोपहर में 2:15 से 2:45 के बीच इस इमारत को गिराया जाएगा. इस दौरान बगल से गुजरने वाले नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे को आधे घंटे के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा. आसपास हजारों पुलिसकर्मियों, मेडिकल टीम, फायर ब्रिगेड और अन्य प्रशासनिक कर्मचारियों की फौज मौजूद रहेगी जो हर तरह की स्थिति पर नजर रखेगी.



8.क्यों गिराई जा रही है यह इमारत?

क्यों गिराई जा रही है यह इमारत?
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दरअसल, पिछले साल 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इन इमारतों को निर्माण को अवैध ठहरा दिया था और इन्हें गिराने का आदेश दिया था. इससे पहले, सुपरटेक के अन्य टावरों में रहने वाले लोगों ने निर्माण संबंधी अनियमितताओं को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.



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