Daal Me Nimbu: दाल में नींबू निचोड़ना चाहिए या नहीं? जानें सेहत पर क्या पड़ता है इसका असर
Bhringraj Oil For Hair: टूटते, झड़ते और रूखे बालों के लिए वरदान है भृंगराज, घर पर ऐसे तैयार करें तेल
पंचायत के 'दामाद जी' Aasif Khan को नहीं आया था हार्ट अटैक, खुद बताया क्यों हुए थे अस्पताल में भर्ती
फैंस को नहीं मिलेगी Kiara-Sidharth की नन्ही परी की झलक, बेटी को मीडिया की नजरों से दूर रखेंगा कपल
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर दिन की शुरुआत... R Madhavan ने बताया कैसी है बेटे वेदांत की लाइफस्टाल
IPL के अलावा कहां- कहां से पैसे पीटता है BCCI, जानें 2024 में कितनी हुई कमाई
ITR Filing: टैक्स के दायरे में नहीं आती इनकम, क्या तब भी ITR भरना जरूरी है?
क्या है Chronic Venous Insufficiency? जिससे जूझ रहे हैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
Shiva Temple: शिव जी का अद्भुत मंदिर जहां पत्थरों से आती है डमरू की आवाज, जानें इसका इतिहास
तन्वी द ग्रेट या निकिता रॉय, किस फिल्म ने जीता दिल और किसको नहीं पसंद कर रही पब्लिक, जानें यहां
घरेलू स्किन केयर करते हैं तो मानसून में रखें इस बात का ध्यान, चेहरे पर न लगाएं रसोई की ये तीन चीजें
छत्तीसगढ़ के पूर्व CM Bhupesh Baghel के घर ED की रेड, बेटे चैतन्य के खिलाफ जारी है कार्रवाई
Numerology: रियल गेम चेंजर होते हैं इन तारीखों को जन्मे लोग, इन खास चीजों में होती है दिलचस्पी
Pahalgam Attack करवाने वाले पाकिस्तानी संगठन TRF को अमेरिका ने घोषित किया आतंकवादी संगठन
Numerology: शातिर होते हैं इन तारीखों को जन्मे लोग, जानें इनका व्यक्तित्व और खासियत
खूबसूरत और स्टाइलिश दिखने के लिए ट्राई करें Rashmika Mandanna के ये फैशनेबल लुक
Weak Lungs Symptoms: ये लक्षण बताते हैं कमजोर हो रहे हैं आपके फेफड़े, तुरंत दें ध्यान
12 साल के बच्चे की ऐसी कहानी, जिसके सामने सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया अपना फैसला, मांगी माफी
Relationship Tips: क्या है Banksying? कपल्स का सुख-चैन उड़ा रहा रिलेशनशिप का ये नया ट्रेंड
Acid Reflux Remedy: AIIMS के डॉक्टर ने बता दी एसिड रिफ्लक्स को कम करने की नंबर 1 टिप
Fever And Disease: आपको भी आता है बार-बार बुखार तो हो जाए सतर्क, इन 5 बीमारियों का देता है संकेत
Indigo Pilot ने इमरजेंसी लैंडिंग के वक्त PAN, PAN, PAN क्यों कहा? जानें फ्लाइट के कोडवर्ड्स का मतलब
Amarnath Yatra 2025: बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से अमरनाथ यात्रा पर रोक, 1 महिला की मौत और कई घायल
2 घंटे से कम की फिल्म ने ओटीटी पर मचा रखा है बवाल, Netflix पर नंबर 1 पर हो रही ट्रेंड
सावन सोमवार और हरियाली तीज पर ट्राई करें Shweta Tiwari की ये ग्रीन एथनिक लुक्स
Sawan 2025 Upay: सावन माह में गलती से भी न करें इन 5 चीजों का दान, नाराज हो जाएंगे महादेव
Baby Boy Name on Lord Shiva: बेटे को दें भगवान शिव से प्रेरित नाम, सदा रहेगी भोलेनाथ की कृपा
अहान पांडे की डेब्यू फिल्म Saiyaara हिट होगी या FLOP? सामने आए एडवांस बुकिंग के आंकड़े
नॉनवेज नहीं, इन शाकाहारी चीजों को खाने से मिलेगा भरपूर प्रोटीन, ये हैं 5 Plant Based Protein Foods
UGC NET Result 2025: यूजीसी नेट जून परीक्षा का कब आएगा रिजल्ट? NTA ने बता दी तारीख
Numerology: कैसे कैलकुलेट करें अपना लकी मोबाइल नंबर? समझें 1 से 9 अंक तक का रहस्य
Nag Panchami 2025: नाग पंचमी पर शिवलिंग पर अर्पित करें ये 6 चीज, महादेव की होगी पूरी कृपा
Japanese Lifestyle: हेल्दी और हैप्पी रहने के लिए जापानी लोगों से सीखें ये 5 आदतें, बदल जाएगी जिंदगी
Bad Cholesterol को कम करेंगी ये 2 देसी ड्रिंक्स, नसों की ब्लॉकेज हो जाएगी साफ
क्या है आकाश प्राइम एयर डिफेंस सिस्टम , S-400 से कितना है ताकतवर, जानें इसकी खासियत
8th Pay Commission update: तीन गुना बढ़ जाएगी सरकारी कर्मचारियों की सैलरी? जानें एक-एक डिटेल
रणजी ट्रॉफी का एक मैच खेलने के लिए BCCI कितनी देती है सैलरी? रकम जानकर खुली रह जाएंगी आंखे
Rashifal 17 July 2025: आज इन लोगों को निवेश में होगा लाभ, जानें मेष से मीन तक की राशियों का भाग्यफल
Asia Cup 2025 को लेकर BCCI और PCB जल्द लेंगे फैसला, सामने आया ताजा अपडेट
2025 में इन फिल्मों के ओपनिंग डे कलेक्शन से थर्राया बॉक्स ऑफिस, Chhaava से लेकर सिकंदर का नाम शामिल
Gautam Buddha: महात्मा गौतम बुद्ध के सिर पर मुकुट या बाल, जानें क्या है छोटी-छोटी गोल सी आकृति
RUHS Result 2025: RUHS CUET काउंसलिंग राउंड 1 का रिजल्ट जारी, ruhscuet2025.com पर यूं करें चेक
कौन हैं Yogita Bihani, जो बनेंगी अर्चना पूरन सिंह की बहू, फोटोज देख हार बैठेंगे दिल!
Lucknow Crime News: प्रेमी संग मिलकर पत्नी ने मासूम की कर दी हत्या, शव के साथ किया रात भर पार्टी
कटरीना कैफ की बर्थडे पर पति विक्की कौशल ने शेयर की लवी-डवी फोटोज, खास अंदाज में किया विश
अब कुत्तों और बिल्लियों से भी होगी बातचीत ! इस AI तकनीक से जानें जानवर खुश हैं या दुखी
इंजीनियरिंग छोड़कर एक्टर और फिर नेता बने थे चिराग पासवान, जानें किस स्कूल-कॉलेज से की है पढ़ाई
डीएनए एक्सप्लेनर
President Body Guard: राष्ट्रपति के बॉडीगार्ड या प्रेसिडेंट्स बॉडीगार्ड यानी PBG भारतीय सेना की एक घुड़सवार फौज रेजिमेंट है. यह भारतीय सेना की सबसे पुरानी घुड़सवार यूनिट है.
डीएनए हिंदीः राष्ट्रपति भवन में कोई खास कार्यक्रम हो या गणतंत्र दिवस की परेड का मौका, राष्ट्रपति को आपने उनके अंगरक्षकों के साथ देखा होगा. राष्ट्रपति की सुरक्षा में लगे ये बॉडी गार्ड्स (President Body Guard) काफी खास होते हैं. राष्ट्रपति देश का सर्वोच्च संवैधानिक पद है. उन्हें कमांडर-इन-चीफ का दर्जा भी मिलता है. राष्ट्रपति के बॉडीगार्ड्स हमेशा लोगों का ध्यान आकर्षित करते रहते हैं. आपने इन गार्ड्स को गहरे चटक रंग की यूनिफार्म और लहलहाता हुआ साफा पहने देखा होगा. क्या आपको मालूम है कि यह गार्ड्स एक खास वर्ग के लोगों में से ही चुने जाते हैं. इनका इतिहास काफी रोचक रहा है.
क्या होता है PBG?
प्रेसिडेंट बॉडीगार्ड को PBG कहा जाता है. PBG का सबसे अहम रोल भारत के राष्ट्रपति (President of India) की सिक्योरिटी का जिम्मा संभालना है. यह भारतीय सेना की एक घुड़सवार फौज रेजिमेंट है. यह भारतीय सेना की सबसे पुरानी घुड़सवार यूनिट और कुल मिलाकर सबसे सीनियर यूनिट है. यह यूनिट राष्ट्रपति के आधिकारिक कार्यक्रमों का भी हिस्सा रहती है. यहां शामिल जवान अच्छी कद काठी वाले होते हैं. इनका चयन भी कई मानकों पर खरा उतरने के बाद ही किया जाता है. घुड़सवारी में इनका कोई सानी नहीं होता इसके यह एक काबिल टैंक मैन और पैराट्रूपर्स भी होते हैं.
ये भी पढ़ेंः राष्ट्रपति को पद से कैसे हटाया जा सकता है? इस्तीफे या मृत्यु के बाद कौन संभालता है कार्यभार, जानें सबकुछ
क्या है इसका इतिहास?
राष्ट्रपति के बॉडीगार्ड्स का इतिहास करीब 250 साल पुराना है. जिसका गठन 1773 में अंग्रेस गर्वनर जनरल वॉरेन हेस्टिंगन ने अपनी सुरक्षा के लिए 50 घुड़सवार सैनिकों के साथ बनारस में किया था. उन्हें 'मुगल हॉर्स' कहा जाता था. मुगल हॉर्स का गठन 1760 में सरदार मिर्जा शाहबाज़ खान और सरदार खान तार बेग ने किया था. उस समय बनारस के राजा चैत सिंह ने इस यूनिट के लिए 50 घुड़सवार सैनिक दिए थे. इस यूनिट में घुड़सवार सैनिकों की कुल संख्या 100 थी. इस यूनिट के पहले कमांडर ईस्ट इंडिय़ा कंपनी के कैप्टन स्वीनी टून थे. 1784 से 1859 तक इसे वर्नर जनरल बॉडी गार्ड (GGBG) कहा जाता था, 1859 से 1944 में उनका टाइटल बदलकर 44th डिविजनल रिकॉनेसां स्क्वाड्रन कर दिया गया. इसके दो साल बाद 1946 में ये वापस से गवर्नर जनरल बॉडी गार्ड कहलाने लगे. 1947 में जब देश आजाद हुआ तो इस टुकड़ी को दो भागों में बांट दिया गया. इनमें एक भारत में रही और दूसरी पाकिस्तान में. 1950 में इन्हें मौजूदा नाम मिला जो President's Bodyguard कहलाता है.
क्यों खास है यह टुकड़ी?
इस घुड़सवार टुकड़ी को 61 कैवेलरी (cavalry) के नाम से भी जाना जाता है. यह दुनिया में बची आखिरी घुड़सवार अंगरक्षक टुकड़ी में से एक है. इसके सभी अंगरक्षक पूरी तरह से ट्रेंड होते हैं. राष्ट्रपति की सुरक्षा के अलावा इन्हें परेड और अन्य मौकों पर भी देखा जा सकता है. यह एक रॉयल सेना जैसी दिखाई देती है. राष्ट्रपति बॉडी गार्ड्स की टुकड़ी में 222 (4 अधिकारी, 20 जेसीओ और 198 सिपाही) लोग हैं. ये अपनी हर ड्यूटी बेहद सधे हुए तरीके से निभाते हैं. इन्हें प्रेसिडेंट या वाइस प्रेसिडेंट के शपथ ग्रहण के समय, गणतंत्र दिवस की परेड, बीटिंग रिट्रीट, स्टेट हेड या किसी अन्य देश के नेता के आने पर या गार्ड चेंजिंग सेरेमनी में देखा जा सकता है. इस सेना का कमांडिंग ऑफिसर हमेशा ब्रिगेडियर या कर्नल रैंक का होता है. उसके नीचे मेजर, कैप्टन, रिसाल्दार और दाफादार होते हैं. सिपाहियों की रैंक 'नायक' या 'सवार' होती है.
ये भी पढ़ेंः राष्ट्रपति की क्या होती हैं शक्तियां, कितनी मिलती है सैलरी और अन्य सुविधाएं, जानें सबकुछ
सिर्फ राजपूत, जाट और सिख ही बन सकते हैं हिस्सा
इस यूनिट में सिर्फ राजपूत, जाट और सिख ही शामिल किए जाते हैं. हालांकि शुरुआत में 1773 में जब इस यूनिट का गठन किया गया. उस समय इसमें मुसलमानों को भर्ती किया गया. फिर इस यूनिट में मुसलमानों के साथ हिंदुओ (ब्राह्मण, राजपूत) को भी भर्ती किया जाने लगा. 1895 के बाद इसमें ब्राह्मणों की भर्ती बंद कर दी गई. इस यूनिट में शामिल जवानों के लिए बेसिक हाईट कम से कम 6.3 फीट होना जरूरी थी, जो अब 6 फीट है. प्रेसिडेंट्स बॉडीगार्ड रेजिमेंट के पहले कमांडडेंट थे लेफ्टिनेंट कर्नल ठाकुर गोविंद सिंह. उनके डिप्टी थे साहबजादा याकूब खान, जो बाद में PBG के जवानों की खासियत इनके मजबूत घोड़े होते हैं. इसमें जर्मनी की खास ब्रीड के घोड़े शामिल होते हैं. खास बात ये है कि ऊंचे कद के इन घोड़ों का वजन करीब 450 से 500 किलो होता है. भारतीय सेना में केवल इन्हीं घोड़ों के बाल लंबे रखे जा सकते हैं.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इं