डीएनए मनी
जया पाण्डेय | Oct 15, 2025, 12:14 PM IST
1.भारतीय संस्कृति में सोने की है खास जगह

सदियों से भारतीय संस्कृति में सोने की खास जगह रह है. शादी-ब्याह, त्योहारों और धार्मिक अनुष्ठानों में सोने के गहनों की चमक हर मौके को और भी खास बना देती है. सोना न केवल आभूषण के रूप में बल्कि एक निवेश के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
2.18, 22 या 24 कैरेट में क्यों पाया जाता है सोना?

लेकिन जब सोने की शुद्धता की बात आती है तो हम अक्सर 18, 22 या 24 कैरेट जैसे शब्द सुनते हैं. आखिर ये कैरेट क्या होते हैं और इन्हें इन्हीं मानकों तक सीमित क्यों रखा जाता है?
3.24 कैरेट को क्यों कहा जाता है खरा सोना?

कैरेट सोने की शुद्धता मापने की इकाई है. 24 कैरेट सोना 100% शुद्ध होता है यानी इसमें कोई दूसरी धातु नहीं मिलाई जाती. लेकिन शुद्ध सोना बहुत मुलायम होता है इसलिए इसे गहनों को इस्तेमाल लायक बनाने के लिए इसमें तांबा, चांदी या जस्ता जैसी धातुएं मिलाई जाती हैं. यही वजह है कि बाजार में 18 कैरेट (75% शुद्ध) और 22 कैरेट (91.67% शुद्ध) जैसे विकल्प उपलब्ध हैं.
4.18,22,24 कैरेट का क्या होता है मतलब?

22 कैरेट सोने में 22 भाग शुद्ध सोना और 2 भाग दूसरी धातु होती है यानी यह सोना लगभग 92 प्रतिशत शुद्ध होता है. 18 कैरेट सोने में 18 भाग शुद्ध सोना होता है यानी यह सोना 75 प्रतिशत शुद्ध होता है. 18 कैरेट सोना अधिक मजबूत होता है इसलिए इसका इस्तेमाल फैशनेबल डिजाइन वाले आभूषणों में किया जाता है. 24 कैरेट केवल सिक्कों के लिए उपयुक्त है और इससे आभूषण नहीं बनाए जा सकते.
5.19, 21 या 25 कैरेट सोना क्यों नहीं बनता?

लेकिन सवाल यह है कि 19, 21 या 25 कैरेट सोना क्यों नहीं बनता, तो हम आपको बता दें कि भारत में BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) केवल 14, 18, 22 और 24 कैरेट ही स्वीकार करता है. 14, 18 और 22 कैरेट सोने के आभूषणों में हॉलमार्किंग की अनुमति है. हॉलमार्क बीआईएस द्वारा जारी किया गया एक गुणवत्ता प्रमाणपत्र है जो किसी विशेष आभूषण में सोने की शुद्धता की गारंटी देता है.