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अक्टूबर में कम हुई खुदरा महंगाई, 6.77 फीसदी के साथ तीन महीने के निचले स्तर पर पहुंची

भारत की खुदरा महंगाई सितंबर, 2022 में 7.41 प्रतिशत से अक्टूबर के महीने में सालाना आधार पर तेजी से घटकर 6.77 फीसदी हो गई.

अक्टूबर में कम हुई खुदरा महंगाई, 6.77 फीसदी के साथ तीन महीने के निचले स्तर पर पहुंची
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डीएनए हिंदी: अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) तेजी से घटकर 6.77 फीसदी पर आ गई. भारत की खुदरा महंगाई सितंबर, 2022 में 7.41 प्रतिशत से अक्टूबर के महीने में सालाना आधार पर तेजी से घटकर 6.77 फीसदी हो गई. यह संख्या लगातार 10वें महीने आरबीआई के टॉलरेंस बैंड 2-6 फीसदी से ऊपर रही है. महंगाई पिछले महीने में 0.57 प्रतिशत से 0.80 प्रतिशत बढ़ी.

इंफ्लेशन में गिरावट का श्रेय फेवरेबल बेस इफेक्ट को दिया जा सकता है.  हालांकि, जियो पॉलिटिकल कंपोनेंट के कारण सप्लाई चेन में व्यवधान और ग्लोबल लेवल पर कमोडिटी की कीमतों में सख्ती से महंगाई के दबाव को आगे बढ़ाना जारी है. अक्टूबर में खाद्य महंगाई 7.01 प्रतिशत पर आ गई, जो एक महीने पहले 8.6 प्रतिशत थी. सब्जियों की महंगाई दर 7.7 फीसदी पर आ गई. इस बीच, फ!यूल और लाइट इंफ्लेशन सितंबर में 10.39 प्रतिशत की तुलना में घटकर 9.93 प्रतिशत रह गई.

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अक्टूबर में महंगाई दर 7 फीसदी से कम रहने की उम्मीद जताई थी. मीडिया रिपोर्टों ने दास के हवाले से कहा हमें उम्मीद है कि अक्टूबर की संख्या 7 प्रतिशत से कम होगी. इसलिए महंगाई चिंता का विषय है जिससे हम अब निपट रहे हैं और प्रभावी ढंग से निपट रहे हैं.

हाल ही में, 3 नवंबर को, RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की एक आउट-ऑफ-टर्न बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें मुद्रास्फीति जनादेश को बनाए रखने में विफल रहने के लिए केंद्र सरकार को भेजी जाने वाली रिपोर्ट पर चर्चा और मसौदा तैयार किया गया था.

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2016 में शुरू किए गए फ्लेक्सिबल इंफ्लेशन टारगेटिंग फ्रेमवर्क के तहत, आरबीआई को मूल्य वृद्धि के प्रबंधन में विफल माना जाता है यदि सीपीआई-आधारित महंगाई लगातार तीन तिमाहियों के लिए 2-6 प्रतिशत की सीमा से बाहर है. आरबीआई के अनुमान के मुताबिक, वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही में मुद्रास्फीति घटकर 6.5 प्रतिशत और वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही में 5.8 प्रतिशत रहने की उम्मीद है.

इससे पहले आज, वाणिज्य मंत्रालय ने अक्टूबर के लिए भारत के थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी किए जो वार्षिक आधार पर 8.39 फीसदी पर आ गया. इसके साथ ही भारत में थोक महंगाई ने लगातार 18 महीनों से दहाई अंक में रहने का सिलसिला तोड़ दिया है.

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