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National E-Commerce Policy: अंतिम चरण में हैं राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति, जानें क्या कहते हैं अधिकारी

National E-Commerce Policy: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा तैयार की जा रही प्रस्तावित राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति अब अपने अंतिम चरण में है जल्द ही इसे लागू किया जा सकता है. आइए जानते हैं इस बारे में अधिकारियों का क्या कहना है.

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National E-Commerce Policy: अंतिम चरण में हैं राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति, जानें क्या कहते हैं अधिकारी
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डीएनए हिंदी: वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry)  प्रस्तावित राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति (National E-Commerce Policy) विकसित करने के अंतिम चरण में है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इस जानकारी का खुलासा किया और कहा कि हितधारकों के इनपुट के लिए नीति का कोई नया ड्राफ्ट जारी नहीं किया जाएगा. 2 अगस्त को, ई-कॉमर्स कंपनियों के प्रतिनिधियों और घरेलू व्यापारियों के एक समूह ने प्रस्तावित नीति के बारे में गहन चर्चा के लिए डिपार्टमेंट ऑफ प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड  (DPIIT) के साथ मुलाकात की. इस बैठक में संबंधित हितधारकों में प्रस्तावित नीति पर व्यापक सहमति बनी.

अब कोई पॉलिसी ड्राफ्ट नहीं आएगा
नाम न छापने की शर्त के तहत, एक अधिकारी ने कहा, "अब पॉलिसी को लेकर अब कोई नया ड्राफ्ट नहीं आएगा. पॉलिसी बनाने की सारी कार्यवाही पूरी हो चुकी है. अब बस हमें अंतिम साइन का इंतजार है. उन्होंने बताया कि प्रस्तावित नीति को सरकार के सर्वोच्च पदों पर बैठे लोगों के पास भेजा जाएगा. अधिकारी ने कहा कि डेटा स्थानीयकरण के संबंध में, ई-कॉमर्स व्यवसायों को स्थानीय कानूनों का पालन करना होगा. मंत्रालय ने पहले दो ड्राफ्ट नेशनल ई-कॉमर्स पॉलिसियों को प्रकाशित किया था.

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नेशनल ई-कॉमर्स पॉलिसी
साल 2019 में तैयार किए गए ड्राफ्ट में  ई-कॉमर्स के इको-सिस्टम के 6 व्यापक क्षेत्रों को संबोधित करने का प्रस्ताव रखा गया. इसमें डेटा, बुनियादी ढांचा विकास, ई-कॉमर्स मार्केट प्लेस, रेगुलेटरी इशूज, डोमेस्टिक डिजिटल इकोनॉमी, एक्सपोर्ट प्रमोशन को ई-कॉमर्स के जरिए प्रोत्साहित करना था.

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पॉलिसी की रूपरेखा
ड्राफ्ट में सीमा पार डेटा फ्लो पर प्रतिबंध के लिए एक रूपरेखा के बारे में भी बात की गई थी; संवेदनशील डेटा का स्थानीय स्तर पर स्टोरेज और प्रोसेसिंग और इसे विदेशों में स्टोर करना, डुप्लीकेट प्रोडक्ट, बैन प्रोडक्ट्स और पायरेटेड प्रोडक्ट की सेल को रोकने के उपाय, और बदलती डिजिटल इकोनॉमी के मद्देनजर इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन पर कस्टम ड्यूटी नहीं लगाने की प्रैक्टिस को रिव्यू किया गया था.
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