बिहार चुनाव 2025
Bihar Election 2025: जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बुधवार को एक बड़ा राजनीतिक ऐलान करते हुए कहा कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि यह निर्णय पार्टी के व्यापक हित में लिया गया है.
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बुधवार को एक बड़ा राजनीतिक ऐलान करते हुए कहा कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि यह निर्णय पार्टी के व्यापक हित में लिया गया है. ताकि संगठन को मजबूत किया जा सके. पूर्व चुनाव रणनीतिकार किशोर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए विशेष इंटरव्यू में यह भी कहा कि यदि जन सुराज पार्टी को 150 से कम सीटें मिलती हैं तो इसे उनकी हार मानी जाएगी.
बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए चुनाव दो चरणों में छह और 11 नवंबर को होंगे, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी. प्रशांत किशोर ने कहा, "अगर जन सुराज पार्टी बिहार चुनाव जीतती है, तो इसका राष्ट्रीय राजनीति पर दूरगामी असर पड़ेगा. देश की राजनीति की दिशा बदल जाएगी."
किशोर ने आगे कहा, "पार्टी ने तय किया है कि मुझे विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. इसी वजह से पार्टी ने राघोपुर से तेजस्वी यादव के खिलाफ किसी और उम्मीदवार को मैदान में उतारने का फैसला किया है. यह निर्णय हमने सामूहिक रूप से पार्टी के हित में लिया. अगर मैं खुद चुनाव लड़ता, तो संगठनात्मक कार्यों से ध्यान भटक जाता."
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए सफल चुनाव रणनीति तैयार करने वाले किशोर के इस निर्णय ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है. राजद ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.
मृत्युंजय तिवारी ने किशोर को लेकर दिया बयान
भारतीय जनता दल (राजद) प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, "किशोर को समझ में आ गया है कि वह और उनकी पार्टी चुनाव में करारी हार का सामना करेंगे. इसलिए उन्होंने पहले ही मैदान छोड़ दिया है. उन्होंने जन सुराज की हार स्वीकार कर ली है. इससे पहले कि मुकाबला शुरू भी हो."
किशोर ने कहा, "मैं यह निश्चित रूप से कह सकता हूं कि हमारी पार्टी या तो शानदार जीत दर्ज करेगी या बुरी तरह पराजित होगी. मैंने पहले ही कहा है कि हमें या तो 10 से कम सीटें मिलेंगी या 150 से अधिक बीच का कोई विकल्प नहीं है."
उन्होंने कहा कि "यदि जन सुराज को 150 से कम सीटें मिलती हैं भले ही वह संख्या 120 या 130 ही क्यों न हो तो यह उनके लिए हार मानी जाएगी. उनका कहना था, अगर जनता ने हमें पूरा समर्थन दिया, तो हम बिहार को देश के 10 सबसे विकसित राज्यों में शामिल करेंगे. लेकिन अगर नतीजे अच्छे नहीं रहे, तो इसका अर्थ होगा कि जनता ने हम पर पर्याप्त भरोसा नहीं किया और हमें सड़क व समाज की राजनीति (‘समाज और सड़क की राजनीति’) जारी रखनी होगी."
किशोर ने दावा किया कि बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) निश्चित रूप से हार जाएगा. उन्होंने कहा, "राजग की हालत बेहद खराब है. सीट बंटवारे और उम्मीदवारों की घोषणा में ही असमंजस बना हुआ है. यह तय है कि नीतीश कुमार अब मुख्यमंत्री बनकर नहीं बनेंगे."
उन्होंने कहा कि जदयू की स्थिति 2020 के चुनाव से भी अधिक खराब है. किशोर ने कहा, "पिछली बार चिराग पासवान ने बगावत कर जदयू उम्मीदवारों के खिलाफ अपने प्रत्याशी खड़े किए थे, जिससे पार्टी की सीटें घटकर 43 रह गई थीं. इस बार हालात और बदतर हैं."
किशोर ने विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन पर भी तंज कसा और कहा कि "राजद और कांग्रेस के बीच लगातार खींचतान चल रही है, और यह भी साफ नहीं है कि मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी अभी उनके साथ है या नहीं. उन्होंने कहा कि अगर जन सुराज सत्ता में आती है, तो “राज्य के 100 सबसे भ्रष्ट नेताओं और अफसरों की संपत्तियों की जब्ती पहले महीने में की जाएगी."
जन सुराज के संस्थापक ने कहा, "राजग सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है, हालांकि भाजपा नीत गठबंधन की छवि राजद की तरह बुरी नहीं रही. हमने बिहार को बालू, भूमि और शराब माफिया से मुक्त कराने का संकल्प लिया है. इसी के तहत छह प्रमुख वादे किए हैं, जिनमें फर्जी शराबबंदी कानून को समाप्त करना भी शामिल है."
उन्होंने ‘भूमि के बदले नौकरी’ मामले पर लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय होने की संभावना पर किशोर ने कहा, "यह कोई खबर नहीं है. लोग पहले से जानते हैं कि वे किस तरह की राजनीति करते हैं. यह एक पहले से ही गंदी चादर पर लगा नया दाग है."
किशोर ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है, लेकिन बिहार की लगभग 60 प्रतिशत जनता बदलाव चाहती है, और अब उनके पास एक विकल्प मौजूद है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर साधा निशाना
प्रशांत किशोर कहा, "मोदी जी और राहुल गांधी का बिहार चुनाव से कोई सीधा लेना-देना नहीं है। वे कभी-कभी राज्य आकर एक-दूसरे पर आरोप लगाकर चले जाते हैं। उन्हें बिहार की समस्याओं का दर्द महसूस नहीं होता, जैसा हमें होता है."
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