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Pushkar Singh Dhami ने कहा कि समान नागरिक संहिता महिला सशक्तिकरण को मजबूत करने के साथ ही सामाजिक मेल—जोल और लैंगिक समानता को भी बढावा देगी.
Updated : Feb 12, 2022, 07:47 PM IST
डीएनए हिंदी: उत्तराखंड में शनिवार को चुनाव प्रचार समाप्त हो गया. प्रचार समाप्त होने से पहले हर दल ने वोटर्स को लुभाने के लिए जमकर शब्द छोड़े. राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कि अगर BJP दोबारा सत्ता में आई तो शपथ ग्रहण के तुरंत बाद एक समिति गठित कर समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करेगी.
राज्य में 14 फरवरी को सभी 70 विधानसभा सीटों पर होने वाले मतदान के लिए चुनाव प्रचार के आखिरी दिन देहरादून में यह घोषणा करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता धामी ने कहा कि इस मसौदे को तैयार करने के बाद सभी नागरिकों के लिए समान कानून बनेगा चाहे वे किसी भी धर्म में विश्वास करते हों.
पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने कहा कि राज्य में समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने वाली समिति में न्यायविदों, सेवानिवृत्त और समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों के साथ हितधारकों को भी शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस समान नागरिक संहिता के दायरे में विवाह, तलाक, जमीन जायदाद और उत्तराधिकार जैसे विषय शामिल होंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा, "यह समान नागरिक संहिता संविधान निर्माताओं के सपनों को पूरा करने की दिशा में एक अहम कदम होगा और संविधान की भावना को मूर्तरूप देगा. यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 की दिशा में भी एक प्रभावी कदम होगा जो देश के सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता की संकल्पना प्रस्तुत करता है."
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी समय-समय पर इसे लागू करने पर ही जोर नहीं दिया बल्कि इस दिशा में कदम न उठाने पर नाराजगी भी व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार इस संबंध में गोवा से प्रेरणा लेगी जिसने समान नागरिक संहिता लागू कर देश के सामने एक उदाहरण स्थापित किया है.