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अगर ऐसा हुआ तो बदल जाएंगे Exit Polls के नतीजे, पिछले चुनाव में दिखा था असर

चुनाव परिणाम एग्जिट पोल के नतीजों से अलग भी आ जाते हैं और 2017 के विधान सभा के चुनाव में सारे अनुमान गलत साबित हुए थे.

अगर ऐसा हुआ तो बदल जाएंगे Exit Polls के नतीजे, पिछले चुनाव में दिखा था असर

Electronic voting machine.

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डीएनए हिंदीः उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे (Assembly Election Result 2022) आने में अब सिर्फ कुछ घंटों का समय बाकी है. इससे पहले हर तरफ एग्जिट पोल (Exit Poll) की चर्चा हो रही है. अलग-अलग एग्जिट पोल में अलग दावे किए जा रहे हैं. चुनाव परिणाम (Election Results) एग्जिट पोल के नतीजों से अलग भी आ जाते हैं और 2017 के विधानसभा के चुनाव में सारे अनुमान गलत साबित हुए थे.

एग्जिट पोल में अलग-अलग दावे 
एग्जिट पोल (Exit Poll) के लिए तय सिद्धांतों और प्रैक्टिस के तहत सीटों और वोट प्रतिशत का आकलन किया गया है. हालांकि इसके बाद भी नतीजे कई बार इसके विपरीत आते हैं. कुछ लोग एग्जिट पोल के नतीजों को ही परिणाम मान लेते हैं, वहीं कुछ अंतिम परिणाम आने का इंतजार करते हैं.  

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कम वोटिंग से बढ़ी चिंता 
इस बार मतदान का प्रतिशत काफी कम रहा है. भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) के पूर्व महानिदेशक अक्षय राउत के मुताबिक पोस्टल बैलट की गिनती होने के बाद भी मतदान का प्रतिशत मामूली ही बढ़ेगा. इस बार करीब 60 प्रतिशत वोटिंग हुई, जबकि 2017 के चुनाव में इन राज्यों में 61 प्रतिशत मतदान हुआ था. उत्तराखंड में 2017 के बराबर 65 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2012 (66.8 फीसदी) की तुलना में कम है. वहीं पंजाब में भी पिछले तीन विधान सभा चुनावों में मतदान के प्रतिशत में गिरावट आई है. 2012 में 78.2 प्रतिशत वोटिंग हुई थी, जो 2017 में 77 प्रतिशत हो गई है और इस बाद 72 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया.

इस बार गोवा में भी मतदान का प्रतिशत कम रहा और 78.94 फीसदी वोटर्स ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि पिछले चुनाव में कुल 83 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाला था. हालांकि इस बीच में मणिपुर में वोटिंग का प्रतिशत बढ़ा है और पिछली बार की तुलना में 2.2 प्रतिशत ज्यादा 88.9 फीसदी वोटिंग हुई है.

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क्या पलट जाएंगे एग्जिट पोल के नतीजे?
दरअसल वोटिंग प्रतिशत इस बाद के संकेत देती है कि लोग सरकार का नाराज हैं या खुश. वोटिंग प्रतिशत अगर बढ़ता है तो उसे सरकार के पक्ष में माना जाता है. हालांकि कई बार बढ़ा वोटिंग प्रतिशत बदलाव के संकेत भी देता है. पिछले 3 चुनावों का एनालिसिस करें तो पता चलता है कि जब-जब वोट प्रतिशत बढ़े तो उस समय के विपक्षी दलों को फायदा हुआ है. 2017 के यूपी चुनाव में 1.6 प्रतिशत वोटिंग बढ़ने पर भाजपा को फायदा हुआ था. अंदाजा लगाया जा रहा है कम वोटिंग चुनाव के परिणाम को बदल सकती है. 

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