चुनाव
मिश्रिख सीट को SP का गढ़ माना जाता है.
Updated : Feb 10, 2022, 10:07 PM IST
डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले की 9 विधानसभा सीटों में से एक मिश्रिख पर इस बार मुकाबला रोचक होने जा रहा है. हिंदुओं के धार्मिक स्थल के रूप में पहचाने जाने वाले मिश्रिख सीट पर 2012 तक विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा था लेकिन बीजेपी के रामकृष्ण भार्गव ने बहुजन समाज पार्टी के मनीष कुमार रावत को 20672 वोटों के मार्जिन से शिकस्त देकर इस गढ़ में सेंधमारी कर दी थी.
सपा ने दर्ज की 5 बार जीत
मिश्रिख सीट को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है. पार्टी के उम्मीदवारों ने 1993 के चुनाव से 2012 के चुनाव में लगातार दर्ज की थी. यह सीट पहले सामान्य हुआ करती थी, जिसे 2012 में सुरक्षित सीट बना दिया गया. सीतापुर की मिश्रिख विधानसभा सीट पर 23 फरवरी को मतदान होने हैं. बीजेपी ने एक बार फिर रामकृष्ण भार्गव को मैदान में उतारा है तो वहीं समाजवादी पार्टी ने मनोज राजवंशी को टिकट दिया है. बसपा ने इस सीट पर श्याम किशोर को उम्मीदवार बनाया है.
सीतापुर की मिश्रिख विधानसभा सीट एक सुरक्षित सीट के तौर पर जानी जाती है. इस सीट पर 3,44,981 मतदाता हैं. इनमें दलित मतदाताओं की संख्या ज्यादा है लेकिन इसके बावजूद भी बसपा को अभी तक जीत नहीं मिल पाई है.
सीतापुर में कुल 9 विधानसभा सीटें हैं. इनमें महोली, सीतापुर, हरगांव, लहरपुर, बिसवां, सेवता, महमूदाबाद, सिधौली और मिश्रिख शामिल हैं. सीतापुर जिले की 9 में से 7 विधानसभा सीटों पर 2017 में बीजेपी को जीत मिल चुकी है. सिर्फ एक सीट पर सपा और एक पर बसपा के उम्मीदवार जीतने में सफल रहे थे.