चुनाव
कंचन जरीवाला ने बताया है कि उन्हें बीजेपी ने किडनैप नहीं कराया था और न ही उन्होंने किसी दबाव में नामांकन वापस लिया है.
Updated : Nov 16, 2022, 08:31 PM IST
डीएनए हिंदी: गुजरात विधानसभा चुनाव में आप ने कंचन जरीवाला को उम्मीदवार बनाया लेकिन जरीवाला ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है. आप ने आरोप लगाया कि उन्हें बीजेपी ने कि़डनैप करवाया था औऱ दबाव बनाकर उनसे नामांकन वापस करवाया है. इस मुद्दे पर अब जरीवाला खुद सामने आए हैं. उन्होंने कहा है कि आप ने जो आरोप लगाए हैं वह सभी बेबुनियाद हैं क्योंकि उन्होंने अपना नामांकन पारिवारिक कारणों के चलते वापस लिया है.
दरअसल, सूरत पूर्व से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कंचन जरीवाला ने अपना नामांकन वापस ले लिया. इसके साथ ही जरीवाला ने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत आप के आरोपों को भी खारिज करते हुए कहा है कि उन पर बीजेपी ने किसी भी तरह का कोई दबाव नहीं बनाया है और उन्होंने अपने निजी कारणों के चलते नामांकन वापस लिया है.
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एक इंटरव्यू के दौरान कंचन जरीवाला ने कहा है कि किसी के दबाव में नामांकन वापस नहीं लिया है और ना इसके लिए उनका या उनके परिवार का अपहरण किया गया था. पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी और लोगों के आम आदमी पार्टी के खिलाफ आने वाले ओपिनियन के चलते और पारिवारिक कारणों के चलते नामांकन वापस लिया है. उन्होंने कहा है कि आप के गुजरात में जीतने के खास चांस नहीं है.
जरीवाला ने अपने राजनीतिक समर्थन को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, "मेरा फॉर्म भरने के बाद मैंने लोगों से और समाज के लोगों से बात की. मैंने अपने चुनाव प्रचार के दौरान भी लोगों से बात की. वो मेरा इसलिए सपोर्ट नहीं करेंगे, क्योंकि मैं आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहा हूं. मैं अपने समाज के लोगों के पास गया तो उन्होंने बोला कि ये राष्ट्रीय विरोधी पार्टी है. इसलिए मैं मानसिक तनाव में चला गया था. इसलिए मैंने उम्मीदवारी वापस लेने का मन बनाया."
इसके अलावा अब कंचन जारीवाला ने आम आदमी पार्टी के ही प्रत्याशी को आड़े हाथों लिया है. जरीवाला ने बताया है कि उन्होंने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर सूचित किया कि मैंने अपना नामांकन अपनी मर्ज़ी से वापस लिया है. मुझे आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के उम्मीदवार असलम सायकलवाला से जान का खतरा है जिसके लिए मुझे सुरक्षा दी जाए और मेरे परिवार को भी सुरक्षा दी जाए.
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गौरतलब है कि जरीवाला के नामांकन वापस लेने को आप ने बीजेपी की दबाव की रण नीति बताया था जिसके बाद मनीष सिसोदिया ने चुनाव आयोग भी लिखी थी. अब जरीवाला ने आप की ही मुसीबतें बढ़ा दी हैं.
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